एक स्मार्टफोन में कई तरह के फीचर्स होते हैं जिन्हें हम सभी बेहद पसंद करते हैं. इसमें कई तरह के सेंसर भी होते हैं जिनमें से कई सेंसर की तो हमें जानकारी भी नहीं होती है. हम में से कई लोग ये तक नहीं जानते कि स्मार्टफोन में कौन से सेंसर आते हैं (Sensors in mobile phone) और वो किस काम में आते हैं. इस लेख में आप जानेंगे स्मार्टफोन में आने वाले 5 सेंसर के बारे में जो हमारे बहुत ज्यादा काम के होते हैं.
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प्रोक्सिमिटी सेंसर | Proximity Sensor in Mobiles
जब आप कोई नया स्मार्टफोन लेते हैं तो आपने उसके फीचर के साथ Proximity Sensor नाम जरूर देखा होगा. कई लोगों ने सिर्फ इस नाम को सुना है लेकिन वो ये नहीं जानते कि Proximity Sensor क्या होता है?
असल में Proximity Sensor हमारे स्मार्टफोन के लिए एक बेहद जरूरी सेंसर होता है. जो मुख्य रूप से ये पता लगाता है कि स्मार्टफोन की स्क्रीन के ऊपर कोई चीज मौजूद है या नहीं.
आपने देखा होगा जब आप किसी व्यक्ति को फोन लगाते हैं या किसी का फोन आता है तो फोन को कान के पास ले जाने पर स्क्रीन की लाइट अपने आप बंद हो जाती है. ऐसा Proximity Sensor के कारण ही होता है. ये फ्रंट कैमरे के पास लगा होता है और जब भी इसके पास कोई चीज आती है तो ये स्क्रीन को बंद कर देता है.
एक्सीलरोमीटर/जाइरोस्कोप सेंसर | What is Gyroscope Sensor?
स्मार्टफोन में एक और महत्वपूर्ण सेंसर होता है Accelerometer इसे कई जगह पर Gyroscope भी लिखा होता है. इसका नाम भी आपने स्मार्टफोन के बॉक्स पर या उसके साथ मिलने वाली Manual book में पढ़ा होगा. लेकिन अभी तक काफी कम लोग ये जानते हैं की Accelerometer और Gyroscope Sensor किस काम में आते हैं.
जब आप अपने स्मार्टफोन में वीडियो देखते हैं या फिर इन्टरनेट पर कुछ भी सर्च करते हैं तो आप स्क्रीन को बढ़ा करने के लिए अपना फोन आढ़ा कर लेते हैं. इसे हम सभी Landscape Mode कहते हैं. जब आप अपने फोन को Landscape Mode पर ले जाते हैं तो फोन की स्क्रीन आढी होकर अपने आप एडजस्ट हो जाती है.
ये जो सारा प्रोसेस है. ये हमारे फोन में Gyroscope और Accelerometer Sensor के होने के कारण होता है. स्मार्टफोन की स्क्रीन को घुमाने के लिए इन दोनों सेंसर की जरूरत होती है. इसमें Accelerometer Sensor रेखीय त्वरण (Linear Acceleration) को कंट्रोल करता है तथा Gyroscope Sensor घूर्णी कोण (Rotational Angle) को कंट्रोल करता है.
बायोमेट्रिक सेंसर | Biometric Sensor in Mobile
Biometric Sensor का इस्तेमाल आजकल सभी तरह के फोन में होने लगा है. आमतौर पर Low Budget phone में बायोमेट्रिक सेंसर देखने को नहीं मिलता है. लेकिन 8 हजार रुपये से ज्यादा की कीमत से शुरू होने वाले स्मार्टफोन में बायोमेट्रिक सेंसर का इस्तेमाल जरूर होता है.
बायोमेट्रिक सेंसर का इस्तेमाल स्मार्टफोन यूज करने वाले यूजर की पहचान के लिए किया जाता है. इसकी मदद से फोन को सिक्योर रखा जाता है. एक स्मार्टफोन में बायोमेट्रिक सेंसर एक फिंगरप्रिंट सेंसर की तरह काम करता है.
आपके फोन को सिक्योर रखने के लिए ये पहले आपके फिंगरप्रिंट को Biometric Sensor की मदद से फोन में सेव करता है. इसके बाद जब भी आप अपने फोन को अनलॉक करते हैं तो आपके फिंगरप्रिंट की मदद से ये आपकी पहचान करता है और फिर फोन को अनलॉक करता है.
एम्बिएंट लाइट सेंसर | What is Ambient Light Sensor?
आपके स्मार्टफोन में एक कमाल का सेंसर होता है. जिसका नाम है Ambient Light Sensor. इस सेंसर का इस्तेमाल स्मार्टफोन मे होने के कारण आपके फोन की बैटरी लंबे समय तक चलती है. साथ ही ये आपकी आँखों को सेहतमंद रखने में मदद करता है.
Ambient Light Sensor का इस्तेमाल आपके फोन में डिस्प्ले की ब्राइटनेस को एडजस्ट करने के लिए किया जाता है. आपने कई बार देखा होगा कि जब आप स्मार्टफोन की ब्राइटनेस को ऑटोमैटिक मोड पर डाल देते हैं तो उसके बाद फोन की ब्राइटनेस अपने आप कम और ज्यादा होती रहती है.
जब आप धूप में आ जाते हैं तो ब्राइटनेस कम हो जाती है, जब आप अंधेरे में आते हैं तो ब्राइटनेस ज्यादा हो जाती है. ये सब Ambient Light Sensor के कारण ही होता है. अगर आपके फोन में ये फंक्शन नहीं है तो इसका सीधा सा मतलब है कि आपके फोन में Ambient Light Sensor नहीं है.
जीपीएस सेंसर | GPS Sensor in Smartphone
इस सेंसर के बारे में अधिकतर लोग जानते हैं और आपने काफी बार इसका नाम भी सुना होगा. ये लगभग हर स्मार्टफोन के अंदर होता है. जीपीएस का पूरा नाम Global Positioning System है. जीपीएस एक अमेरिकी नेविगेशन सिस्टम है. अभी तक अधिकतर स्मार्टफोन में सिर्फ इसी का इस्तेमाल हो रहा है. भारत का भी अपना नेविगेशन सिस्टम है जिसका नाम ‘नाविक’ है.
किसी भी फोन में GPS Sensor का उपयोग डिवाइस की लोकेशन को पता लगाने के लिए किया जाता है. ये सेंसर सैटेलाइट से जुड़कर ये बताता है कि आपकी डिवाइस इस वक़्त कहा है. अगर आपको किसी व्यक्ति को अपनी लोकेशन भेजनी होती है तो उसे भी आप इसी की मदद से भेजते हैं. अगर ये सेंसर न हो तो आप Smartphone पर अपनी खुद की लोकेशन को नहीं देख पाएंगे.
इन सभी के अलावा GPS की मदद से आप ये भी पता लगा सकते हैं कि कोई दूसरी लोकेशन आपसे कितनी दूरी पर है? उस लोकेशन पर जाने में आपको कितना समय लगेगा? उस लोकेशन पर जाने के कौन-कौन से रास्ते हैं? इस तरह की सारी बातें GPS के माध्यम से संभव है. जीपीएस का इस्तेमाल आप तभी कर सकते हैं जब आपके पास इन्टरनेट हो. अगर internet नहीं होगा तो आप जीपीएस का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे और न ही अपनी खुद की लोकेशन या किसी अन्य लोकेशन को देख पाएंगे.
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स्मार्टफोन में इस्तेमाल होने वाले 5 सेंसर के बारे में आप अच्छी तरह जान गए होंगे और इनका उपयोग करना भी जान गए होंगे. अगर अब आपको कोई इन सेंसर के बारे में बताता है तो आप आसानी से इनके बारे में समझ पाएंगे. अगर आप एक नया स्मार्टफोन खरीद रहे हैं तो आपको इन सेंसर के जानकारी जरूर होनी चाहिए.