कंप्यूटर पर काम करते समय अचानक बिजली चली जाती है. इस वजह से आप कंप्यूटर पर जो भी काम कर रहे होते हैं वो सेव नहीं होता है. इसके अलावा कंप्यूटर के हार्डवेयर पर भी इसका असर पड़ता है. कई बार अचानक कंप्यूटर के बंद हो जाने के कारण कंप्यूटर में हार्ड डिस्क खराब होने या फिर SMPS के खराब होने का खतरा बना रहता है. इससे बचने का एक ही समाधान है और वो है UPS.
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UPS क्या है?
यूपीएस (What is UPS?) एक ऐसा इलेक्ट्रोनिक डिवाइस है जो Main Power Fail हो जाने पर कुछ समय तक सही वोल्टेज में करंट सप्लाई करता रहता है. अर्थात विद्युत की आपूर्ति करता रहता है. UPS का (UPS Full Form) पूरा नाम Uninterruptible Power Supply है. ये कंप्यूटर के लिए एक battery backup तो देता ही है साथ ही ये वोल्टेज कम ज्यादा होने पर वोल्टेज की समानता को भी बनाए रखता है. यदि आप अपने कंप्यूटर को लंबे समय तक चलाना चाहते हैं और उसमें होने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के नुकसान से बचना चाहते हैं तो आपको अपने कंप्यूटर में यूपीएस का उपयोग कर सकते हैं.
UPS के कार्य
यूपीएस लेने से पहले इसके कार्यों (Work of UPS) को जान लेना जरूरी है.
– यूपीएस का प्रमुख कार्य power cut हो जाने पर इलेक्ट्रोनिक उपकरणों को battery backup प्रदान करना है.
– कई बार जिस बोर्ड पर आप कंप्यूटर के प्लग को लगाते हैं वहाँ चिंगारी निकलती है, या फिर sparking होती रहती है. UPS इस तरह की Sparking से होने वाले नुकसान से भी आपके डिवाइस को बचाता है.
– कोई भी करंट जब सीधे आता है तो उसका वोल्टेज कम या ज्यादा हो सकता है. वोल्टेज कम ज्यादा होने पर आपकी डिवाइस खराब हो सकती है. अतः यूपीएस आपकी डिवाइस के लिए एक स्टेबलाइजर का भी काम करता है. ये वोल्टेज को स्मूथ करने में भी मदद करता है.
– यूपीएस को शॉर्ट सर्किट होने पर protection प्रदान करता है.
– यूपीएस अचानक बिजली जाने पर होने वाले नुकसान से बचाता है.
UPS के प्रकार
यूपीएस मुख्य तौर पर तीन प्रकार (Three types of UPS) के होते हैं.
Single Conversion System
डेस्कटॉप और कंप्यूटर में जिन UPS का उपयोग किया जाता है वो Single Conversion System UPS ही होते हैं. यदि AC input supply अपनी लिमिट से अधिक हो जाता है तो UPS अपने इनवर्टर में लगी बैटरी से करंट लेना शुरू कर देता है. वहीं नुकसान से बचने के लिए AC Input Supply को हटा देता है. ये उस समय तक कंप्यूटर को battery power में Run करता है जब तक कि main source की AC Input नॉर्मल न हो जाए या बैटरी में power न बचा हो.
Double Conversion System UPS
अपने घरों में बिजली की सप्लाई के लिए जिस इनवर्टर का उपयोग हम करते हैं उसमें Double Conversion System UPS का इस्तेमाल होता है. इसमें पावर दो बार कन्वर्ट की जाती है. इसमें सबसे पहले Input Rectifier, एसी पावर को कन्वर्ट करता है और फिर डीसी में उसे आउटपुट इंवर्टर में फीड करता है. दूसरे चरण में Output inverter इस DC Current को फिर से AC में Convert करके Electronic Equipment तक power Supply करता है.
इस तरह के UPS हमेशा पावर सप्लाइ नहीं करते हैं. ये तभी पावर सप्लाइ करते हैं जब पावर कट हो जाती है. वहीं Single Conversion system ups हमेशा पावर सप्लाइ करते हैं. आपने भी घरों में लगे UPS में देखा होगा कि जब पावर कट होती है तब ही एक्टिवेट होते हैं और उसके बाद ये आपको बिजली की आपूर्ति करते रहते हैं.
Multi Mode System
Multi Mode System UPS ऊपर बताए गए दोनों तरह के UPS का combination है. इन UPS की Efficiency और Reliability में काफी Improvement होता है. यदि condition normal हो तो UPS System, Line interactive mode में operate होता है जिससे बिजली की बचत होती रहती है साथ ही ये main power में होने वाली प्रॉबलम से भी बचाता है. इनका अधिक उपयोग Data Center में किया जाता है.
UPS के भाग
UPS में कुल 5 भाग (Parts of UPS) होते हैं जो अलग-अलग काम करते हैं.
Rectifier
ये Main Circuit से आने वाले AC Voltage को DC Voltage में बदलता है. इसके अलावा ये batter को चार्ज करता है. वोल्टेज को एकसमान बनाए रखता है. ओवरलोड बढ्ने पर उसे फ्लैट करता है.
Inverter
ये DC Supply को जो Rectifier द्वारा भेजी जाती है उसे AC Supply में कन्वर्ट करता है. साथ ही ये एसी करंट को रेगुलेट और फिल्टर करके लोड को देता है.
Bypass
ये सीधे एसी पावर का उत्पादन करता है. ओवरलोड या फ़ाल्ट होने की स्थिति में ये अपने आप लोड को main supply से कनेक्ट कर देता है.
Switch
इसका काम सप्लाई को Inverter output और bypass output के बीच जरूरत के हिसाब से switch करना होता है.
Battery
यूपीएस बैटरी में पावर को स्टोर करके रखता है ताकि पावर कट होने पर बिजली की सप्लाई एकदम से न रुके और आपको चीजों को बंद करने का मौका मिल जाए.
यूपीएस कैसे काम करता है?
UPS के बारे में आप काफी कुछ जान चुके हैं चलिये अब बात करते हैं कि यूपीएस (How UPS works?) कैसे काम करता है?
#1. सबसे पहले AC करंट को UPS में input किया जाता है.
#2. करंट सीधे Rectifier तक जाता है जो AC करंट को DC करंट में बदल देता है.
#3. इसके बाद पावर बैटरी में स्टोर होती है.
#4. इसके अलावा एक लाइन ट्रान्सफर switch से लोड तक जाती है जो ये तय करती है कि बिजली के जाने पर उसे बैटरी से power देनी है.
#5. जब UPS पावर कट डिटेक्ट करता ही तो पहले battery में store DC voltage को बैटरी से जुड़े inverter भेज जाता है जहा ये AC में कन्वर्ट होता है.
#6. इसके बाद इंवर्टर से होते हुए एसी को लोड तक ट्रांसफर कर दिया जाता है.
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यूपीएस आपकी इलेक्ट्रोनिक डिवाइस जैसे कंप्यूटर, एलईडी टीवी आदि के लिए बहुत फायदेमंद होता है. आप इसे 1500 रुपये की शुरुवाती कीमत पर खरीद सकते हैं और अपने कंप्यूटर को खराब होने से बचा सकते हैं. कई बार पावर कट के कारण हमें इलेक्ट्रोनिक डिवाइस में बड़ा खर्च करना पड़ता है. इससे अच्छा ये है कि आप यूपीएस खरीदकर अपनी डिवाइस को खराब होने से बचा लें.