कंप्यूटर का उपयोग करते हैं तो आपने फ़ाइल सिस्टम का नाम तो जरूर सुना होगा. फ़ाइल सिस्टम कंप्यूटर और स्टोरेज का एक बहुत ही जरूरी सिस्टम होता है जिसके बिना स्टोरेज की कल्पना भी नहीं की जा सकती है.
फ़ाइल सिस्टम क्या होता है? फ़ाइल सिस्टम कैसे काम करता है? फ़ाइल सिस्टम के प्रकार, फ़ाइल डाइरेक्टरी क्या है? इस तरह के कई सारे सवाल इंटरनेट पर खोजे जाते हैं. इन सभी सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिलने वाले हैं.
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फ़ाइल सिस्टम क्या होता है? What is file system?
स्मार्टफोन और कंप्यूटर का इस्तेमाल हम सभी करते हैं. इन सभी में हम सभी कुछ न कुछ स्टोर जरूर करते हैं. जैसे फ़ोटोज़, विडिओ, डॉक्यूमेंट आदि. क्या आपने ये सोच है कि किसी भी डिवाइस में ये सभी चीजे अलग-अलग जगह पर कैसे स्टोर हो जाती हैं.
जैसे आप जब स्मार्टफोन में कोई फ़ोटो क्लिक करते हैं तो वो अपने आप एक फ़ोल्डर में जाकर सेव हो जाती है. उस फ़ोल्डर में सिर्फ आपकी क्लिक की गई फ़ोटोज़ ही होती है. तो आपने कभी सोच कि ऐसा क्यों होता है. फ़ोटो तो किसी भी फ़ोल्डर में जा सकती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
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अगर ऐसा हो जाए तो आपकी डिवाइस उन फ़ोटोज़ को ढूँढने में बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ेगा. ऐसी ही दिक्कतों को दूर करने के लिए फ़ाइल सिस्टम अपना काम करता है.
फ़ाइल सिस्टम एक ऐसा सिस्टम होता है जो किसी Storage Device में स्टोर होने वाली चीजों को organise करता है. मतलब फ़ोटोज़ हैं तो अलग फ़ोल्डर में, म्यूजिक है तो अलग फ़ोल्डर में. इसी तरह और भी चीजे अलग-अलग फ़ोल्डर में अपने आप सेव हो जाती हैं.
फ़ाइल सिस्टम कैसे काम करता है? How does file system work?
फ़ाइल सिस्टम क्या होता है? ये तो आप जान ही गए हैं. चलिए अब फ़ाइल सिस्टम के काम करने के तरीके के बारे में समझते हैं.
फाइल सिस्टम का काम होता है एक स्टोरेज डिवाइस में फाइल्स को orgranise करना. ताकि आप उसे आसानी से ढूंढ सकें और बाद में उपयोग कर सकें. ये सुनने में जितना आसान लग रहा है उतना आसान है नहीं.
असल में फ़ाइल सिस्टम एक Storage Device के सभी data को Index करता है. File System बहुत सी चीजों को Specify कर देते हैं जैसे फ़ाइल के नाम, फ़ाइल में कौन से कैरेक्टर का उपयोग होगा आदि.
फ़ाइल सिस्टम एक फ़ाइल को स्टोर करने के साथ-साथ उसकी काफी सारे जानकारी भी स्टोर करके रखता है. जैसे फ़ाइल का साइज क्या है, फ़ाइल किस सॉफ्टवेयर के लिए है, फ़ाइल कब बनाई गई थी, फ़ाइल का नाम क्या है, फ़ाइल में मेटाडेटा क्या है? इस तरह की सभी जानकारी वो स्टोर कर लेता है.
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इसे आप ऐसे समझिए कि आपने मोबाईल में कोई विडिओ बनाई. अब वो विडिओ अपने आप किसी फ़ोल्डर में सेव हो जाएगी. अब इसमें ही कई सारे फैक्टर फ़ाइल सिस्टम के आधार पर काम करते हैं.
– पहले स्टेप में आपने सिर्फ एक विडिओ को शूट किया.
– जब वो सेव होगा तो वो एक तय फ़ोल्डर में ही सेव होगा, जिसमें सेव होने का उसे पहले से आदेश दिया गया हो, या उसके सिस्टम में फ़ीड किया गया हो.
– उस फ़ोल्डर में जब वो विडिओ सेव होगा तो उसके साथ कई सारी जानकारी भी सेव होगी.
– जैसे विडिओ कब बनाया गया, विडिओ किस डिवाइस से बनाया गया, विडिओ का साइज क्या है, विडिओ का नाम क्या है?
– अब ये सब अपने आप नहीं होता. इन सभी कामों को करने के पीछे फ़ाइल सिस्टम का हाथ होता है.
हर बार फ़ाइल सिस्टम अपने आप आपकी फ़ाइल को किसी फ़ोल्डर में सेव नहीं करता है. आपके डिवाइस में ये पहले से ही फ़ीड किया जाता है कि कौन सी चीज किस फ़ोल्डर में जानी है. यदि वो फ़ोल्डर मौजूद नहीं होता है तो फ़ाइल सिस्टम उसे जनरेट भी कर देता है.
इसे ऐसे प्रोग्राम किया जाता है कि ये अपने आप सबकुछ कर दे. आपको फ़ाइल ढूँढने या find करने का ऑप्शन भी इसी का हिस्सा है.
एक बात का ध्यान रखें कि हमेशा फ़ाइल सिस्टम के जरिए आपकी फाइल्स अपने आप सेव नहीं होगी. जब आप खुद किसी फ़ाइल को किसी स्टोरेज डिवाइस में स्टोर करेंगे तो आपको खुद से कुछ काम करने होंगे. जैसे आपको ये बताना पड़ेगा कि आप फ़ाइल को किस फ़ोल्डर में सेव करना चाहते हैं? आप फ़ाइल का क्या नाम रखना चाहते हैं? इस तरह आपको थोड़ा सा काम फ़ाइल सिस्टम का खुद ही करना पड़ेगा.
फ़ाइल सिस्टम के प्रकार Type of file system
फ़ाइल सिस्टम कई तरह के होते हैं लेकिन इन्हें मुख्य तौर पर Operating System के आधार पर बाटा गया है. दुनियाभर में तीन तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता है. Windows, Linux और Mac OS. इन तीनों के लिए ही अलग -अलग फ़ाइल सिस्टम का उपयोग किया जाता है.
1) FAT
FAT का पूरा नाम File Allocation Table होता है. ये Microsoft के Windows OS को सपोर्ट करता है. ये बहुत ही सिम्पल है और इसे सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है. इसे साल 1977 में बनाया गया था. तब से लेकर आज तक ये काम कर रहा है. आपने इसका नाम Pen drive को Format करते व्यक्त भी पढ़ा होगा.
इसका इस्तेमाल स्टोरेज डिवाइस या डिस्क में फाइल्स को लोकेट करने के लिए किया जाता है. इसका उपयोग ऑपरेटिंग सिस्टम के अलावा पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, हार्ड डिस्क, SSD आदि में किया जाता है.
2) GFS
GFS का नाम हो सकता है आपके लिए नया हो लेकिन जो लोग टेक्नोलॉजी से वास्ता रखते हैं उन्होंने इसका नाम जरूर सुन होगा. GFS का पूरा नाम Global File System है. इसका इस्तेमाल मुख्य तौर पर Linux OS के साथ किया जाता है.
ये एक Shared Disk System होता है. ये Direct Access shared block storage के साथ आता है. यदि आप Linux का उपयोग करते हैं तो इसके बारे में बेहतर तरीके से जानते होंगे.
3) HFS
HFS को Mac OS के लिए बनाया गया था. इसका पूरा नाम Hierarchical File System है. पुराने समय में इसे फ्लापी और हार्ड डिस्क में भी उपयोग किया गया लेकिन समय के साथ Mac OS में इसे उपयोग किया जाने लगा.
फ़ाइल सिस्टम एक अलग ही दुनिया है जो आपकी आँखों के सामने तो चलती है लेकिन आपको दिखाई नहीं देती है. ये किसी भी डिवाइस में बैकग्राउंड में अपने आप काम करती रहती है.
FAT और NTFS क्या है, दोनों में क्या अंतर है?
अगर ये न हो तो आप अपनी स्टोरेज डिवाइस में फाइल्स को मैनेज नहीं कर पाएंगे. ना उन्हें नाम दे पाएंगे और न ही उन्हें किसी फ़ोल्डर में सेव कर पाएंगे. ऐसे में फाइल्स को ढूँढना बहुत मुश्किल हो जाएगा. इसलिए फ़ाइल सिस्टम बड़े काम की चीज है.