कंप्यूटर और स्मार्टफोन पर इन्टरनेट का इस्तेमाल हम सभी करते हैं. इस पर अलग-अलग तरह के अकाउंट भी बनाते हैं. जैसे मेल आईडी, फेसबुक आईडी, व्हाट्सएप आदि. इन सभी में काफी सारे लोग स्पैम से बहुत परेशान हैं. स्पैम एक ऐसी मुसीबत है जो आपके अकाउंट को हैक कर सकती है, आपका बैंक अकाउंट खाली कर सकती है, आपकी जानकारी चुरा सकती है. इसलिए अगर आप स्पैम के बारे (What is Spam?) में कुछ भी नहीं जानते हैं तो आपको ये जरूर जानना चाहिए कि स्पैम क्या है? स्पैम कैसे आते हैं? स्पैम कितने प्रकार (Types of Spam) के होते हैं? आप स्पैम से कैसे बच सकते हैं?
Contents
स्पैम क्या है? | SPAM in Hindi
अगर आप Email ID का इस्तेमाल करते हैं तो आपने देखा होगा कि आपके inbox में कई सारे मेल ऐसे होते हैं जिनसे आपका कोई लेना-देना नहीं होता है. मतलब आप उनके बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं. उन्हें किसने भेजा है, क्यों भेजा है? इन बातों का आपको पता नहीं रहता है. इस तरह के मेल को स्पैम कहते हैं. आसान शब्दों में कहे तो ज्यादा मात्रा में भेजे गए, बिन बुलाये ईमेल को हम सभी स्पैम कहते हैं. स्पैम मेल में आपको शॉपिंग करने का, लॉटरी का या किसी इनाम जीतने का लालच दिया जाता है. आप उनके द्वारा भेजी गई लिंक पर क्लिक करते हैं और उनके बनाए गए पेज पर पहुंच जाते हैं. इस तरह आप उनका शिकार बन जाते हैं.
स्पैम कैसे आता है? | How does spam works?
स्पैम आने के कई रास्ते हैं. अगर आपके पास एक स्मार्टफोन है तो आपके पास कई सारे रास्तों से आपके स्मार्टफोन में स्पैम मैसेज और मेल आ सकते हैं. जैसे :
– ईमेल आईडी पर ढेर सारे मेल ऐसे आ सकते हैं जिन्हें भेजने वाले को आप नहीं जानते या फिर जो कंप्यूटर जनरेटेड होते हैं.
– फेसबुक पर कमेन्ट में या फिर इनबॉक्स में किसी के द्वारा किसी लिंक के प्रमोशन या शेयरिंग को भेजा जाता है. इसे बार-बार करने पर स्पैम कहा जाता है.
– व्हाट्सएप पर भी इस तरह की लिंक की शेयरिंग होती है. जिसे स्पैम कहा जाता है.
– यूट्यूब पर भी यूजर्स कमेन्ट में स्पैम करते हैं.
जब भी हम किसी वेबसाइट को एक्सेस करते हैं तो उस वेबसाइट द्वारा कभी-कभी हमारी डिटेल्स जैसे हमारा नाम, ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर मांग लिया जाता है. हम भी खुशी-खुशी वहाँ सारी जानकारी दे देते हैं. लेकिन ये डाटा किसके पास जा रहा है हमें ये पता नहीं होता है. बाद में इसी डाटा के आधार पर कंपनियाँ अपना प्रमोशन करने के लिए स्पैम भेजती है.
स्पैम क्यों भेजे जाते हैं? | why is spam coming to my inbox?
स्पैम भेजे जाने के पीछे हर व्यक्ति के अलग-अलग मकसद हो सकते हैं. जैसे कंपनियाँ जो स्पैम मेल भेजती हैं वो अपने ब्रांड, प्रॉडक्ट और कंपनी के प्रमोशन के लिए भेजती है. उनका मकसद गलत नहीं होता है और न ही वे आपकी जानकारी को चुराते हैं. वे आपको कुछ-कुछ समय अंतराल में लगातार मैसेज भेजते हैं जिन्हें स्पैम कहा जाता है. क्योंकि वे आपके काम के नहीं होते हैं.
कंपनियों के अलावा जो अन्य स्पैम भेजे जाते हैं वो होते हैं हैकर्स के द्वारा भेजे गए स्पैम. इनमें आपको एक लालच दिया जाता है. जैसे 10 करोड़ की लॉटरी जीतने के लिए दी गई लिंक पर क्लिक करें. ऐसा पढ़ते ही कई लोग उस लिंक पर क्लिक कर देते हैं. और फिर किसी वेबसाइट पर चले जाते हैं. वहाँ उनसे उनकी पर्सनल और बैंक डिटेल्स ली जाती है. जिसके बाद कुछ ही सेकंड में उनका पूरा अकाउंट खाली हो जाता है.
इन दो कामों के अलावा स्पैम का अन्य काम में कोई उपयोग नहीं होता है. इसका उपयोग या तो प्रमोशन करने के लिए किया जाता है या फिर किसी को फँसाने के लिए. अगर आपको यकीन न आए तो आप अपने ईमेल बॉक्स में ऐसे सैकड़ों मैसेज देख सकते हैं. जिनमें आपको किसी तरह का लालच दिया होगा.
स्पैम के प्रकार | Types of Spam
स्पैम को पहचानने के लिए आपको इनके प्रकारों को भी जान लेना चाहिए.
Bulk Massage
एक साथ कई लोगों को मैसेज भेजना भी स्पैम करने का एक प्रकार है. कई कंपनियाँ और अन्य लोग अपने प्रमोशन के लिए बल्क मैसेज का इस्तेमाल करते हैं. बल्क मैसेज में आपको अक्सर एक लिंक भेजी जाती है. इसके साथ ही कुछ मैसेज लिखा होता है जिसमें आपको लालच दिया जाता है. इस तरह के जाल में अगर आप न ही फंसे तो ही बेहतर होता है. क्योंकि कई लोग इन स्पैम मैसेज के चक्कर में अपना अकाउंट खाली करवा चुके हैं.
Click Bating
इन्टरनेट पर आप किसी चीज पर तभी क्लिक करते हैं जब आपको ये समझ में आता है कि वो आपके काम की है या नहीं. या फिर वो सबसे अलग है या नहीं. कई बार स्पैम इसी थ्योरी पर होता है. आपको ईमेल में सनसनीखेज या भड़काऊ हेडलाइन लिखकर ईमेल भेजा जाता है. जिससे आप उस पर क्लिक करने पर मजबूर हो जाते हैं. फिर जैसे ही आप क्लिक करते हैं उनके जाल में फंस जाते हैं.
Malicious Link फैलाना
स्पैम मेल और मैसेज का उपयोग कंपनीयां सिर्फ अपना प्रचार प्रसार करने के लिए करती हैं लेकिन इसका उपयोग कई लोग आपके Device में virus डालने के लिए भी करते हैं. ये किसी भी डिवाइस में वाइरस पहुंचाने का सबसे आसान तरीका है. इसके लिए आपके पास बस सामने वाले का मोबाइल नंबर या फिर ईमेल आईडी होना चाहिए. इस तरह के स्पैम में आपकी डिवाइस हैक होने का खतरा होता है.
अवांछित सामाग्री साझा करना
सोशल मीडिया पर जिन लोगों के फॉलोवर ज्यादा होते हैं उनके पोस्ट पर कमेन्ट में अवांछित सामाग्री साझा की जाती है. ये किसी गलत वेबसाइट का लिंक, फोटो, विज्ञापन कुछ भी हो सकता है. इस तरह की सामाग्री से पोस्ट की वैल्यू गिर सकती है.
स्पैम से कैसे बचें? | How to prevent from spam?
स्पैम के बारे में आप काफी कुछ समझ गए हैं. चलिये अब बात करते हैं कि आप कैसे स्पैम से बच सकते हैं या फिर इससे होने वाले नुकसान से बच सकते हैं.
– इन्टरनेट पर अपना ईमेल एड्रेस और अपना मोबाइल नंबर तभी किसी वेबसाइट को दें जब आपको उस पर पूरा भरोसा हो. किसी अंजान साइट पर जाकर इस तरह की जानकारी बिलकुल भी न दें.
– कोई भी ऐसा ब्लॉग या फोरम जहां पर लोग स्पैम करते हो वहाँ पर अपना ईमेल एड्रेस बिलकुल भी इस्तेमाल न करें.
– आपके ईमेल पर यदि कोई ऐसा मेल आता है जिसके बारे में आप नहीं जानते है, जिसमें किसी लॉटरी, इनाम आदि की बात की गई हो और आपको क्लिक करने के लिए कहा गया हो. तो ऐसी लिंक पर बिलकुल भी क्लिक न करें. हो सके तो इस तरह के मेल को खोले ही न.
– यदि आपके ईमेल आईडी पर ऐसे मेल लगातार आ रहे हैं तो आप उस मेल को ओपन करके उसमे unsubscribe बटन पर क्लिक करे. इसके जरिये आप इन मेल को बंद कर सकते हैं.
– कभी भी स्पैम मेल को डिलीट करने की जगह इनकी रिपोर्ट करे. ताकि कंपनी का सिस्टम ये समझ सके कि ये मेल कहाँ से आ रहे हैं और इन्हें कैसे ब्लॉक किया जाए.
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इन्टरनेट पर किसी भी अनजानी लिंक और फोटो पर क्लिक करने से बचे यही स्पैमिंग से बचने का सबसे बड़ा उपाय है. कभी भी हमें किसी लालच में आकर इन्टरनेट पर अपना फोन नंबर, ईमेल आईडी और बैंक डिटेल्स बिलकुल नहीं देनी चाहिए. इससे हमारा बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है.