हर व्यक्ति का एक सपना होता है कि उसके पास रहने को एक घर हो, खाने को अच्छा खाना हो और पहनने को अच्छे कपड़े हो. लेकिन इसके साथ ही हर किसी के मन में अपनी खुदकी कार को लेकर भी एक सपना होता हैं. जिसे वो सही समय पर आने पर एक बार पूरा करने के बारे में अवश्य सोचता हैं.
हर कोई चाहता है कि वह एक कार ख़रीदे जिसमें उसका पूरा परिवार एक लम्बी ड्राइव पर जाए. लेकिन जब भी एक कार की बात आती है, तो आपको उसके लिए मोटी रकम की जरुरत होती हैं. जो आपका बजट बिगाड़ सकती हैं. ऐसे में आप अपने बजट का ध्यान रखते हुए सैकंड हैंड कार (Second Hand Used Car) खरीद सकते हैं.
इसके लिए आपको ज्यादा पैसे भी खर्चा नहीं करने होंगे. लेकिन सैकंड हैंड कार खरीदते समय आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी हैं. अन्यथा आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता हैं. आइए हम आपको बताते है कि सैकंड हैंड कार खरीदते समय किन विशेष बातों को ध्यान में रखना चाहिए?
अगर आप सैकंड हैंड कार को खरीदना चाहते है, तो आपको सबसे पहले अपने बजट को तय करना होगा. दरअसल बाजार में कई कंपनियों की गाडियां मौजूद है, जिनका प्राइस भी अलग-अलग हैं. ऐसे में आपके लिए सबसे जरूरी यह हो जाता है कि आप अपने बजट का निर्धारण करें. आप यह भी तय करें की आपको उस बजट में कौन सी कार चाहिए. दरअसल हर व्यक्ति के मन में अपनी कार को लेकर कुछ सपना होता हैं.
ऐसे में बजट के साथ, आपको अपनी पसंद की कार को भी निर्धारित करना होगा. हालांकि इसमें भी कुछ नियम है, कही ऐसा न हो कि आपका बजट हो 3 लाख का, और आपको कार पसंद हो 5 लाख की. ऐसे में आपको अपनी कार के बजट से जुडा अनुमान पहले से ही लगाना होगा. क्योकि कार से जुड़े कई खर्चे होते है, जिनमे सर्विसिंग, इंश्योरेंस (Servicing, Insurance) और कुछ एनी खर्चे होते हैं. ऐसे में एक सही बजट आपको एक बेहतर सैकंड हैंड कार खरीदने में सहायक हो सकता हैं.
सैकंड हैंड कार को खरीदते समय आपको जो बात विशेष रूप से ध्यान रखनी है, वो है सही कार का चुनाव. दरअसल अगर आप अपनी कार का बजट तय करने में कामयाब होते है, तो आपको अपनी सही कार का चुनाव करना होगा. दरअसल कार खरीदने से पहले आप चाहे तो अपनी पसंद की गई कार की तुलना अन्य कारों से कर सकते हैं. इसके लिए आप इंटरनेट का सहारा भी ले सकते हैं.
इंटरनेट के माध्यम से आप अपनी कार की तुलना अन्य कारों के साथ में कर सकते हैं. ऐसा करने से आपको इस बात का पता चल जाएगा की आपके द्वारा पसंद की गई कार अन्य कारों से फीचर्स के मामले में कितनी बेहतर है और कितनी उसमे कमी हैं. ऐसे में आपको एक सही कार का चुनाव करने में आसानी होगी.
अगर आपने सैकंड हैंड कार को खरीदने के लिए बजट और कार के मॉडल को तय कर लिया है, तो अब बारी आती हैं. कार के निरिक्षण की. दरअसल यह कार खरीदने की सबसे आवश्यक बात हैं. दरअसल इन दिनों कई ऐसी कारें बाजार में देखने को मिलती है, जो बाढ़ या बारिश के पानी से खराब हो चुकी हैं.
हाल ही में इस तरह की कई कार मार्केट में बिकने के लिए आई हैं. अगर आप कार के बारे में सही जानकारी रखते है, तो आप इस तरह की सैकंड हैंड कारों को अच्छी तरह से पहचान जाएंगे. अगर आपको कार के बारें में जानकारी नहीं है, तो आप हमारी द्वारा बाताए गए इन नियमों को ध्यान में रख सकते हैं.
सबसे पहले आप कार की टेस्ट ड्राइव ले, इससे भी आपको कार के बारे में पता चल जायेगा. इसके साथ ही आप कार की सीट को उठाकर देखे, अगर आपको यह नमी या पानी से जंग के निशान दिखे तो समझ जाइए, कार बारिश में भीगी हुई हैं. साथ ही आप गाडी के टायरों की प्लेट पर जंग, इंजन के आस-पास पानी का जमा होना, भी आपकी कार के क्षतिग्रस्त होने की और इशारा हो सकता हैं.
इतना ही नहीं अगर आपको कार के वयारों पर कीचड़ दिखाई दे, या फिर आपको कार के स्क्रू पर जंग दिखे, या फिर कार के दरवाजों पर आपको जंग दिखाई दे, तो आप समझ जाइए की कार क्षतिग्रस्त हैं.
अगर आप सैकंड हैंड कार को खरीदने के पूरा मन बना चुके हैं, तो फाइनल और जरुरी स्टेप होती है, कार का पेपरवर्क. जी हां अगर आप सैकंड हैंड कार खरीदने रहे है, तो आप अपनी कार का पेपर वर्क पूरी तरह से चेक कर ले. क्योकि आज कल चोरी की हुई कारों को बेचने की खबर भी काफी ज्यादा सुनने को मिलती हैं. तो ऐसा न हो कि आप चोरी की कार के मालिक बन जाए.
ऐसे में आप कार के पेपरवर्क को अच्छी तरह से चेक कर ले. इसके लिए आप रजिस्ट्रेशन बुक, टेकशेक्शन बुक (Registration Book, Tech Section Book) और पीयूसी (PUC Certificate) को चेक कर ले. इसके बाद आप कार को अपने नाम करवा ले. इसके लिए आपको एक फॉर्म भरना होगा, तथा अपने सभी दस्तावेज देकर, अपने क्षेत्र के परिवाहन कार्यालय में जमा करना होगा. इसके बाद 10 से 15 दिनों के अंदर कार आपके नाम हो जाएगी.
वहीं एक बार कार का रजिस्ट्रेशन आपके नाम पर होने के बाद आपको कार की इंश्योरेंस पॉलिसी (Insurance policy) भी अपने नाम कराना होगी. क्योकि अगर कार आपके नाम हो गई और इंश्योरेंस भी पुराने ओनर के नाम पर है, तो कार की पॉलिसी निरस्त होने के चांस भी बढ़ जाते हैं. यह ओ हो गई कार खरीदने की बात, अगर आप अब कार खरीद चुके है, तो अब एक ही काम शेष रह जाता हैं.
दरअसल अब आपको अपनी कार के सर्विसिंग करना होगी. अब आप सोच रहे होंगे की कार की सर्विसिंग खरीदने के बाद क्यों जरुरी हैं. तो आइये हम आपको बताते हैं कि क्यों की जाए कार की सर्विसिंग?
जैसा की आप अब तक कार खरीदने की सारी जरुरी बातों को मानकर चलते आये हैं. और अब आप एक सैकंड हैंड कार को खरीद चुके हैं. ऐसे में अब आखरी और बेहद जरुरी काम रह जाता है, कार की सर्विसिंग. दरअसल कार खरीदने के बाद जब आप इसकी टेस्ट ड्राइव ले रहे होते है, तो आपको कार की सर्विसिंग की जरुरत नजर आ ही जाएगी.
इसके बाद आप अपनी कार को कही भी ले जाने से पहले सर्विस सेंटर पर ले जाए. जहां आप कार से जुडी सभी जरुरी काम कराये. साथ ही आप कार का ऑइल भी अवश्य ही चेंज कराये. क्योकि लम्बे समय तक चलने के बाद कार का ऑइल खराब हो जाता हैं. जो कि समय-समय पर बदलना जरुरी हैं. ऐसा करने के बाद आपकी कार पूरी तरह तैयार हैं. अब आप अपनी फैमली के साथ में लंबी यात्रा कर सकते हैं.
जैसा की हमने आपको बताया कार खरीदना हर व्यक्ति का एक ड्रीम होता हैं. हर कोई चाहता हैं कि उसके पास ऐसी कार हो जो हमेशा उसके लिए फायदे का सौदा हो, तथा अगर भविष्य में वह उसे बेचकर दूसरी कार ख़रीदे तो उसे अपनी पुरानी कार का सही दाम मिले.
ऐसे में सैकंड हैंड कार को खरीदने से जुडी सभी जरूरी बातों को जानना आपके लिए अवश्यक हैं. एक सैंकंड हैंड कार को खरीदने के लिए आप ऑटो डीलर (Auto Dealer) के पास जा सकते हैं, लेकिन अगर आप हमारी सलाह माने तो आप ऑनलाईन मौजूद कार बेचने वाली कंपनियों से ही कार ख़रीदे.
इन कंपनियों के पास कार के इतिहास से जुडी पूरी जानकारी होती हैं, जिसमे कार को कितनी बार बेचा गया, कार के एक्सीडेंट होने की जानकारी और कार के फीचर्स की जानकारी होती हैं.
ऐसे में आपको एक अच्छी और बेहतर कार मिलने की संभावनाए ज्यादा हो जाती हैं. आशा ही आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा. साथ ही आप इस लेख के माध्यम से सैकंड हैंड कार को खरीदने से जुडी साड़ी जानकारियों को समझ गए होंगे.
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