आजकल हम सभी किसी न किसी डिस्प्ले का इस्तेमाल जरूर करते हैं. जैसे Smartphone, Computer, Laptop, Tablet, TV जब आप इन्हें खरीदने जाते हैं तो आपको बताया जाता है कि इसमें किस तरह की डिस्प्ले का उपयोग हो रहा है. जैसे LCD, LED, IPS, Amoled आदि. आपने इन सभी के नाम सुने होंगे लेकिन क्या आप इनके बारे में ये जानते हैं कि इन Display का क्या मतलब है? इनमें से कौन सी डिस्प्ले आपकी डिवाइस के लिए अच्छी होती है. आपकी आँखों के लिए कौन सी Display अच्छी होती है? अगर नहीं जानते है तो इस लेख में आप हर तरह की डिस्प्ले के बारे में जान पाएंगे और ये पता कर पाएंगे कि आपकी डिवाइस में कौन सी डिस्प्ले अच्छी रहेगी.
Contents
डिस्प्ले के प्रकार – Type of Display
डिस्प्ले के कई प्रकार हैं जैसे CRT, LCD, LED, TFT, Plasma, OLED, IPS, Amoled, Super Amoled आदि. ये सभी अलग-अलग डिवाइस के लिए उपयोग होते हैं. इनमें से कुछ Computer Monitor और Laptop की डिस्प्ले के लिए उपयोग होते हैं, कुछ टीवी में उपयोग होते हैं, कुछ स्मार्टफोन में उपयोग होते हैं.
CRT – Cathode-Ray Tube
CRT का पूरा नाम Cathode Ray Tube होता है. पुराने मॉनिटर और टीवी में इसका सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता था. आपने कुछ सालों पहले ही देखा होगा कि पहले टीवी और मोनिटर बहुत ही बड़े आते थे जिनमें भारी-भरकम पिक्चर ट्यूब का इस्तेमाल होता था. ये डिस्प्ले ही CRT Display होती थी. इसमें पीछे कि तरफ एक Tube होती है और आगे काँच की डिस्प्ले होती है. इसमें एक Vacuum Tube होती है जिसे आप पिक्चर ट्यूब भी बोलते हैं. इस Vacuum Tube में एक से अधिक Electric Gun होती है और एक Phosphorescent Screen होती है. इसमें Electron को Tube के पीछे से Display Screen पर ले जाया जाता है जहां ये Phosphorous के साथ टकराकर आपको रंगीन चित्र दिखाते हैं. 10 से 20 साल पहले इनका चलन काफी ज्यादा था और इसके बाद इनकी जगह LCD ने ले ली.
LCD – Liquid Crystal Display
LCD का पूरा नाम Liquid Crystal Display. इसे आपने काफी ज्यादा उपयोग किया है और कई जगह पर देखा भी है क्योंकि कुछ सालों पहले से अभी तक इसका सबसे ज्यादा उपयोग किया जा रहा है. इसमें Vacuum Tube की जगह पर एक Flat Panel का इस्तेमाल किया है जिसकी वजह से इसका Size काफी कम हो गया. इसकी Display में बैकलाइट होती है जो हर Pixels को लाइट देती है. ये पिक्सल रेड, ब्लू और ग्रीन रंग के होते हैं
LED – Light Emitting Diode
LED का पूरा नाम Light Emitting Diode होता है. इसकी बनावट एलसीडी स्क्रीन के जैसी ही होती है लेकिन इनके काम करने का तरीका थोड़ा अलग होता है. इसमें डिस्प्ले पर छोटे-छोटे डायोड का उपयोग किया जाता है ये स्क्रीन के पीछे पाये जाते हैं जो LCD के बल्ब से काफी ज्यादा सक्षम होते हैं. इसकी पिक्चर क्वालिटी भी काफी अच्छी होती है. और ये एलसीडी के मुक़ाबले थोड़ा स्लिम होता है. आजकल आने वाली स्क्रीन में सबसे ज्यादा LED ही होती है. वहीं इसका पावर कंजंप्शन बहुत ही कम होता है.
TFT – Thin Film Transistor
TFT का पूरा नाम Thin Film Transistor है. इसका उपयोग कई लो बजट स्मार्टफोन और Computer Monitor में किया जाता है. ये देखने में LED या LCD की तरह दिखता है लेकिन इसकी क्वालिटी में थोड़ा सा अंतर होता है. जब टच फोन मार्केट में आना शुरू हुए थे तब आपने उनका डिस्प्ले देखा होगा जो आज के डिस्प्ले से काफी अलग होता था. उस समय उन फोन में TFT Display का ही इस्तेमाल किया जाता था. टीएफ़टी डिस्प्ले क्वालिटी के हिसाब से थोड़े ठीक नहीं होते हैं.
Plasma
Plasma Screen का उपयोग कुछ समय पहले टीवी में किया गया था. मार्केट में कई कंपनियों ने Plasma TV लॉंच भी किया था लेकिन ये इतनी ज्यादा चली नहीं. Plasma Screen को आप CRT और LCD डिस्प्ले से अच्छा मान सकते हैं. प्लाज्मा टीवी में फ़्लोरोसेंट लाइट बल्ब लगा होता है, इसके डिस्प्ले में सेल होते हैं और हर सेल के बीच में एक ग्लास की कोटिंग होती है जिसके बीच में टीवी को बनाते समय नियोन-जीनोन गैस भरी जाती है. गैस में इलेक्ट्रिक चार्ज होते हैं जो लाल, हरे और नीले फास्फोरस के साथ मिलकर इमेज बनाते हैं और हमें डिस्प्ले करते हैं. इस टीवी की डिस्प्ले काफी आकर्षक होती है और इसे किसी भी एंगल से देखने पर आपको इसकी डिस्प्ले एक जैसी ही दिखाई देती है.
OLED – Organic Light Emitting Diode
OLED का पूरा नाम Organic Light Emitting Diode है. ये LED का एक उन्नत प्रकार है. आपने बाजार में एलईडी के अलावा OLED टीवी भी देखे होंगे. ये LED के मुक़ाबले बेहतरीन होते हैं. LED TV में एलईडी की मदद से स्क्रीन पर LCD के पिक्सल को रोशन किया जाता है वहीं ओएलईडी में एलईडी खुद पिक्सल का काम करती है. इसमें 6 लेयर्स मिलकर तस्वीरे स्क्रीन पर लाती है इसलिए OLED TV पर तस्वीर ज्यादा साफ दिखाई देती है और हर एंगल से देखने पर एक जैसी दिखाई देती है. OLED Screen काफी पतली होती है इसलिए इसके डिवाइस का साइज़ भी काफी पतला होता है. OLED Technology काफी महंगी है इसलिए इनके टीवी की कीमत काफी ज्यादा होती है.
IPS – In-Plane Switching
IPS Display भी एलसीडी का ही एक रूप है. इसका पूरा नाम In Plane Switching Liquid Crystal Display है. इसमें भी वही Technology काम करती है जो एलसीडी में करती है. अधिकतर स्मार्टफोन में इसी डिस्प्ले का उपयोग होता है. IPS Display कलर्स को बहुत नेचुरल बताता है. इसमें पीछे कि तरफ बैकलाइट का उपयोग होता है जिसकी वजह से आप सूरज की तेज रोशनी में भी बिना किसी परेशानी के डिस्प्ले पर देख पाते हैं. इसे आप TFT Screen से थोड़ा अच्छा और Amoled Screen से थोड़ा कम मान सकते है. ये Display Backlight Technology पर काम करता है इसलिये इसके स्मार्टफोन बैटरी ज्यादा खाते हैं.
Amoled & Super Amoled Display
Amoled Display ओएलईडी का ही एडवांस वर्जन है. दोनों एक ही तरीके से काम करते हैं. मिड रेंज से ऊपर के स्मार्टफोन में Amoled Display का ही उपयोग होता है. इनमें बैकलाइट नहीं होती है और हर पिक्सल में खुद का एक ट्रान्जिस्टर लगा होता है जिसके कारण डिस्प्ले के जिन जगह पर कलर्स की जरूरत होती है पिक्सल्स वहीं की लाइट ऑन करते हैं. और जहां लाइट की जरूरत नहीं होती है वहाँ की लाइट ऑफ रहती है. इसलिए इस डिस्प्ले में बैटरी कम खर्च होती है. इसके कलर्स थोड़े वाइब्रेन्ट और सैचुरेटेड होते हैं जो हमारी आँखों को काफी अच्छे लगते हैं. इसकी Display काफी लचीली होती है जिसके कारण ये जल्दी टूटती नहीं.
इन सभी में यदि अच्छी डिस्प्ले की बात की जाए तो Display आपके बजट पर निर्भर करती है. आपका बजट जितना ज्यादा होगा आपको आपकी डिवाइस में उतनी अच्छी डिस्प्ले मिलेगी. अगर आप कोई स्मार्टफोन या टैबलेट खरीद रहे हैं तो उसके लिए Amoled और Super Amoled Display काफी अच्छी रहती है क्योंकि इसके कलर काफी वाइब्रेन्ट होते हैं जो मोबाइल पर काफी अच्छे लगते हैं और इसकी वजह से आपकी बैटरी भी लंबे समय तक चलती है.
Display Adapter क्या होते है, RCA, VGA, HDMI क्या है?
HD v/s SD: एचडी और एसडी में क्या अंतर होता है?
LED और CFL में क्या अंतर? Difference Between CFL and LED Hindi
अगर आप टीवी लेना चाहते हैं तो मिड रेंज में आप LED ले सकते है और हाई रेंज में आप OLED ले सकते हैं. टीवी में सबसे अच्छी OLED ही है क्योंकि इसकी Picture Quality काफी अच्छी है और जब आप इसे देखते हैं तो आपको ऐसा लगता है जैसे सबकुछ आपके सामने ही चल रहा है.