कभी ट्विटर पर तो कभी समाचार की सुर्खियों में आपने आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra Jivani) का नाम तो सुना ही होगा. हाल ही में ओलिम्पिक में गोल्ड जीतने वाले नीरज चोपड़ा को इनहोने Xuv 700 गिफ्ट देने का वादा किया है. आनंद महिंद्रा देश के एक प्रमुख बिजनेस है और मुख्य रुप से आटोमोबाइल के बिजनेस में है. उनका बिजनेस करने का तरीका अलग है और उनके जीवन में काफी सारी खास बातें हैं जिनसे हम सभी काफी कुछ सीख सकते हैं. तो चलिये जानते हैं आनंद महिंद्रा के जीवन (Anand Mahindra Biography in Hindi) से जुड़ी कुछ खास बातें.
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आनंद महिंद्रा जीवनी | Anand Mahindra Success Story in Hindi
Mahindra Group Chairman आनंद महिंद्रा का जन्म 1 मई 1955 (Anand Mahindra Birthdate) को बॉम्बे में हुआ था साल 2021 में उनकी उम्र 66 साल है. इनके पिता हरीश महिंद्रा थे तथा इनकी माता इन्दिरा महिंद्रा थीं. आनंद की दो बहने अनुजा और राधिका हैं. आनंद महिंद्रा ने अपनी पढ़ाई Lawrence School, Lovedale से की थी. Lovedale तमिलनाडु की नीलगिरि की वादियों में बसा एक खूबसूरत कस्बा है. इसके बाद इनहोने हावर्ड यूनिवर्सिटी से फिल्म मेकिंग और आर्किटेक्चर का कोर्स किया. इसके बाद इनहोने हावर्ड से ही एमबीए किया.
आनंद महिंद्रा ने कंपनी को कैसे संभाला? | Anand Mahindra Career details
आनंद महिंद्रा आज देश के बड़े बिजनेसमेन कहे जाते हैं. लेकिन एक समय ऐसा भी था जब इनहोने खुद ने महिंद्रा ग्रुप में नौकरी की थी. साल 1981 में Mahindra Ugine Steel Company Ltd में आनंद ने Executive Assistance के रूप में जॉइन किया था. इसके बाद वे इसी से जुड़ गए और आगे बढ़ते रहे.
– 4 अप्रैल 1991 में आनंद महिंद्रा को महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप का Deputy Managing Director बनाया गया.
– इसके बाद अप्रैल 1997 में आनंद को managing director के रूप में नियुक्त किया गया.
– साल 2001 में वे कंपनी के Vice Chairman बने.
– साल 2012 में उनके अंकल केशुभ महिंद्रा ने उन्हें Chairman of the board और Mahindra group का managing director बनाया.
– साल 2016 में आनंद महिंद्रा महिंद्रा ग्रुप के chairman बने.
इसके बाद से आज तक वे महिंद्रा ग्रुप की पहचान है. आज पूरा महिंद्रा ग्रुप सिर्फ आनंद महिंद्रा के नाम से ही पहचाना जाता है. कोई भी व्यक्ति यदि महिंद्रा ग्रुप का नाम लेता है तो उसके जेहन में आनंद महिंद्रा का नाम आता है. लेकिन महिंद्रा ग्रुप को बनाने वाले आनंद महिंद्रा नहीं थे. इसे तो किसी और ने बनाया था. चलिये जानते हैं कि महिंद्रा ग्रुप कब और कैसे शुरू हुआ?
महिंद्रा ग्रुप का इतिहास | Mahindra Group History in Hindi
जिस महिंद्रा ग्रुप को आज आप आनंद महिंद्रा के नाम से जानते हैं उसकी स्थापना करने वाले आनंद महिंद्रा नहीं बल्कि कोई और है. इसकी स्थापना के पीछे एक दिलचस्प कहानी है जो भारत की आजादी और भारत पाकिस्तान के बँटवारे से जुड़ी हुई है.
आनंद महिंद्रा की स्थापना 1945 में हुई थी. उस समय इस कंपनी का नाम महिंद्रा एंड महिंद्रा भी नहीं था. साल 1945 में के सी महिंद्रा, जे सी महिंद्रा और मलिक गुलाम मोहम्मद (Mahindra Group Owner name) ने लुधियाना में साथ मिलकर एक कंपनी शुरू की जिसका नाम महिंद्रा एंड मोहम्मद था.
महिंद्रा परिवार और गुलाम मोहम्मद काफी अच्छे दोस्त थे. इनहोने जो कंपनी शुरू की उसका स्टील का कारोबार था. ये धीरे-धीरे बढ़ा लेकिन तभी भारत का विभाजन हो गया. इस विभाजन में गुलाम मोहम्मद पाकिस्तान चले गए. मलिक गुलाम मोहम्मद को पाकिस्तान का पहला वित्त मंत्री बनाया गया था और बाद में वे पाकिस्तान के गवर्नर जनरल भी बन गए थे.
जब देश का बंटवारा हुआ तब कारोबार का भी बंटवारा हो गया. साल 1848 में महिंद्रा एंड मोहम्मद का नाम बदलकर महिंद्रा एंड महिंद्रा कर दिया गया. गुलाम मोहम्मद के पाकिस्तान जाने से उनकी साझेदारी बिजनेस में खत्म हो चुकी थी. लेकिन ये दोनों काफी अच्छे दोस्त रहे.
गुलाम मोहम्मद के पाकिस्तान जाने का महिंद्रा ग्रुप को बहुत बड़ा झटका लगा क्योंकि इसमें कुछ शेयरहोल्डिंग मोहम्मद की भी थी. इसके अलावा उनकी काफी सारी स्टेशनरी एम एंड एम ग्रुप से थी. इसलिए उन्होने एक नया नाम महिंद्रा एंड महिंद्रा सोचा. और वे स्टील बिजनेस से ऑटोमोबाइल के बिजनेस में उतर आए. तब से लेकर आज तक आटोमोबाइल क्षेत्र में महिंद्रा कंपनी अपने कई products को मार्केट में ला चुकती है.
बताया जाता है कि पहले जब केसी महिंद्रा अमेरिका में एक कंपनी में काम किया करते थे. तब उन्होने वहाँ एक जीप देखी थी. इसके बाद उन्होने भारत में इसी तरह की जीप का निर्माण करने का सपना देखा. बाद में जब उनकी कंपनी ने आटोमोबाइल सेक्टर में कदम रखा तो उन्होने अपने इस सपने को पूरा भी किया.
Mahindra के products
Mahindra आज सिर्फ automobile सेक्टर में अपने कदम जमाकर नहीं बैठी है बल्कि कई सारी फील्ड में महिंद्रा बिजनेस कर रही है. जैसे Aerostructure, agri industry, boats, clean energy, construction equipment, consulting, defence, tractor, farm equipment, logistic, insurance, banking, mutual funds, steel, truck and buses, two wheeler आदि.
महिंद्रा ने कई ऐसे वाहन का निर्माण किया है जो आज भारत की शान है. इनमें से कई तो पुलिस डिपार्टमेन्ट में यूज किए जाते हैं. Mahindra की प्रमुख गाडियाँ XUV 7000, Mahindra Thar, XUV 300, Mahindra Scorpio, Bolero हैं. ये सभी गाडियाँ दमदार गाडियाँ है और भारत में काफी ज्यादा इस्तेमाल की जाती है.
आनंद महिंद्रा को मिले सम्मान एवं पुरस्कार | Award for Anand Mahindra
आज महिंद्रा कंपनी को आनंद महिंद्रा के नाम से जाना जाता है. इसके पीछे आनंद महिंद्रा की मेहनत है जो आज महिंद्रा ग्रुप को देश की टॉप आटोमोबाइल कंपनी की लिस्ट में लेकर आई है. उन्होने इस सेक्टर में काफी योगदान दिया है.
– आनंद महिंद्रा को साल 2004 में फ्रांस के राष्ट्रपति द्वारा ‘ऑर्डर ऑफ मेरिट’ से सम्मानित किया गया था.
– साल 2005 में अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन द्वारा कॉर्पोरेट जगत में सामाजिक ज़िम्मेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं के लिए उन्हें ‘पर्सन ऑफ थे इयर’ अवार्ड मिला था.
– महिंद्रा ग्रुप को ‘डेमिंग पुरस्कार’ भी मिल चुका है.
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आनंद महिंद्रा आज भारत के टॉप 10 बिजनेसमेन में गिने जाते हैं. उनके फेमस होने के पीछे की वजह उनका सोशल मीडिया पर बने रहना है. इन्टरनेट पर सुर्खियों में कैसे आना है इस बात को वे अच्छी तरह जानते हैं. उन्हें जब कोई व्यक्ति अच्छा काम करता हुआ दिखता है वे ट्विटर के माध्यम से उस व्यक्ति की तारीफ करते हैं और अपनी तरफ से जो भी मदद हो सकती है उसे करते हैं. ऐसा करने से लोगों को अच्छा तो लगता है लेकिन उन्हें आनंद महिंद्रा और महिंद्रा ग्रुप का नाम भी याद रह जाता है.