Roshni Nadar बनी HCL की CEO, जानिए एचसीएल का इतिहास

HCL भारत की एक प्रमुख टेक कंपनी है जिसकी CEO वर्तमान में शिव नादर ने अपनी बेटी रोशनी नादर (Roshni Nadar Malhotra) को बनाया है. HCL की CEO बनने के साथ ही वे काफी सुर्खियों में आ गई है. वैसे तो रोशनी के पास अनुभव की कमी नहीं है लेकिन एचसीएल का जो रूप आज हम देखते हैं वो कंपनी के संस्थापन शिव नादर की वजह से है. कहा जा रहा है की रोशनी नादर (Roshni Nadar Malhotra) सीईओ बनने के साथ-साथ देश की सबसे अमीर महिला बन गई हैं.

रोशनी नादर कौन है? Who is Roshni Nadar?

रोशनी नादर एचसीएल के संस्थापक और पूर्व एचसीएल सीईओ शिव नादर (Shiv Nadar) की बेटी है. वे 28 साल की हैं और इतनी कम उम्र में ही उनके नाम पर देश की सबसे अमीर महिला होने का टैग लग गया है. CEO बनने से पहले वे HCL के बोर्ड की चेयरपरसन और Shiv Nadar Foundation की ट्रस्टी भी रही हैं. रोशनी दिल्ली में पली बढ़ी हैं. इसके बाद वे अमेरिका के Kellogg School of Management से एमबीए करने चली गई थी. एमबीए करने के बाद उनका नाम World Economic Forum के Young Global Leaders Initiative में भी आया था. रोशनी नादर का नाम फोरबस द्वारा जारी दुनिया की 100 सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची में भी आता है. 2019 में 54वें स्थान पर थी.

HCL Roshni Nadar Malhotra

HCL के मालिक कौन हैं? Who is the owner of HCL?

HCL Company History in Hindi वैसे तो आप जानते ही होंगे की किसी भी कंपनी का मालिक कोई एक व्यक्ति नहीं होता. इसमें बोर्ड ऑफ मेंबर्स होते हैं, कई लोगों का पैसा लगा होता है. लेकिन HCL कंपनी की स्थापना का श्रेय शिव नादर को जाता है. शिव नादर भारत के प्रसिद्ध IT industrialist है. तथा वे शिव नादर फ़ाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष भी है. आईटी और हार्डवेयर (IT & Hardware) के क्षेत्र में शिव नादर ने भारत का नाम पूरी दुनिया में किया है. आईटी क्षेत्र में उनके योगदान के कारण भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से भी सम्मानित किया था.

शिव नादर का प्रारम्भिक जीवन Early life of Shiv Nadar

शिव नादर का जन्म तमिलनाडु के थूठुकुडी जिले के मुलाइपूजहि गाँव में 18 जुलाई 1945 को हुआ था. शिव ने कुम्ब्कोनम के टाउन हायर सेकेन्डरी स्कूल से प्रारम्भिक शिक्षा हासिल की. यहाँ उन्होने 1955 से 1957 तक पढ़ाई की. बाद में उन्होने द अमेरिकन कॉलेज मदुरै से प्री यूनिवर्सिटी डिग्री प्राप्त की. इसके बाद वे कोयंबटूर के पीईएसजी कॉलेज में इंजीन्यरिंग करने चले गए.

HCL Shiv Nadar

शिव नादर का करियर Shiv Nadar’s Career

शिव नादर ने इंजीन्यरिंग की पढ़ाई करने के बाद 1967 में पुणे में कूपर Engineering से अपने करियर की शुरुवात की. वे यहाँ नौकरी कर रहे थे और वे इससे संतुष्ट नहीं थे. वो अपना व्यावसाय शुरू करना चाहते थे. साल 1976 में उन्होने 6 लोगों के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई जिसका नाम रखा ‘Microcomp Limited’ ये कंपनी Digital Calculator बेचने का काम करती थी. इस कंपनी के बाद शिव नादर ने कम्प्युटर बनाने वाली कंपनी Hindustan Computer Limited बनाई जिसे आज हम HCL के नाम से जानते हैं. इस कंपनी ने साल 1982 में अपना पहला पर्सनल कम्प्युटर बाजार में उतारा. ये एक सही मौके पर लॉंच हुआ. पहले भारत में IBM कम्प्युटर काफी प्रचलन में थे लोग उस पर काफी भरोसा भी करते थे लेकिन 1977 में आईबीएम ने भारत का मार्केट छोड़ दिया और भारत में इतनी दिलचस्पी नहीं ली. जिससे आईटी सेक्टर में खालीपन हो गया. इस खालीपन को दूर करने का काम शिव नादर की एचसीएल कंपनी ने किया.

शिव नादर की कंपनी के प्रॉडक्ट ने लोगों का दिल जीता साथ ही विदेशों में भी इनहोने अपने प्रॉडक्ट को पहुंचाया जिससे जल्द ही ये विदेशों में खुद को स्थापित कर पाये.

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नादर ने अपनी पहली कंपनी सफल होने के बाद आईटी बिजनेस में 5 और कंपनियाँ शुरू की.

1) HCL Technology (Global IT Service Company)

2) HCL Comnet (Network Services Company)

3) HCL Infosystems (Indian IT Hardware Leader)

4) HCL Perot (IT Applications)

5) NIIT (Education Services)

HCL International Market में कैसे आई?

HCL पहले ही खुद को अपने प्रॉडक्ट के माध्यम से विदेशों में स्थापित कर चुकी थी लेकिन इनहोने कंपनी नहीं खोली थी. साल 1980 में IT hardware बेचने के लिए एचसीएल ने सिंगापुर में ‘फॉर ईस्ट कम्प्युटर’ की स्थापना की. शिव नादर ने इस कंपनी को शुरू करने के पहले साल में ही अच्छा खासा मुनाफा कमाया उनकी पहले साल 10 लाख रुपये की आमदनी हुई थी. 1989 में HCL ने अमेरिकी Computer Hardware Market में हाथ आजमाने की कोशिश की लेकिन वे असफल हुए. बाद में धीरे-धीरे उन्होने खुद को पर्सनल कम्प्युटर बिजनेस से बाहर कर लिया.

शिव नादर फ़ाउंडेशन

शिव नादर जहां एक ओर बेहतरीन Businessman और IT industrialist है वहीं दूसरी ओर वे समाज सेवा में भी विश्वास रखते हैं. अपनी सफलता के साथ-साथ उन्होने खुद को समाजसेवा से भी जोड़ लिया. लोगों की सेवा के लिए उन्होने शिव नादर फ़ाउंडेशन की स्थापना की जिसके जरिये वे भारतीय शिक्षा में सुधार के लिए कार्य करने लगे. उन्होने चेन्नई में एसएसएन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की स्थापना की जो देश के टॉप प्राइवेट इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट में से एक है. इसके बाद उन्होने यूपी के ग्रेटर नोएडा में शिव नादर यूनिवर्सिटी की स्थापना की जहां UG,PG और प्रोफेशनल डिग्री की शिक्षा दी जाती है. उन्होने यूपी में ही विद्याज्ञान पब्लिक स्कूलों का निर्माण भी कराया है जहां ग्रामीण बच्चे मुफ्त शिक्षा पा सकते हैं. इनकी तरफ से 50 जिलों में 200 स्टूडेंट को स्कॉलरशिप भी दी जाती है.

शिव नादर को मिले सम्मान

शिव नादर के नाम पर कई पुरस्कार और सम्मान है.

– 1995 में उन्हें डाटाक्वेस्ट ने आईटी मेन ऑफ द इयर चुना था.

– 2005 में प्रधानमंत्री ने उन्हें CNBC Business Excellence Award से नवाजा था.\

– 2006 में उन्हें All India Management association ने मानद फैलोशिप से सम्मानित किया था.

– साल 2007 में मद्रास यूनिवर्सिटी ने उन्हें सॉफ्टवेयर प्रोद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया था.

– साल 2007 में उन्हें अंर्स्ट एंड यंग ने उन्हें Entrepreneur of the Year  2007 से नवाजा था.

– साल 2008 में आईटी क्षेत्र मे महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से नवाजा था.

– साल 2009 में फोर्ब्स मैगजीन ने एशिया पैसेफिक रीज़न के 48 हीरोज ऑफ फिलेनथ्रोपी में उन्हें शामिल किया.

– वर्तमान में शिव नादर को आईआईटी कानपुर का अध्यक्ष बनाया गया है.

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शिव नादर ने अपनी कंपनी में सीईओ के पद से रिटायरमेंट लेकर ये पद अपनी बेटी रोशनी नादर को सौंप दिया है. हालांकि आगे उनका क्या प्लान ये है तो वही जानते हैं पर HCL आज एक बेहतरीन दिशा में है और भारत का नाम रोशन कर रही है.

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