CEO Kya Hota hai सीईओ कैसे बनते हैं

Microsoft के CEO बने सत्या नडेला और Google के CEO बने सुंदर पिचाई. ये दोनों भारतीय मूल के ऐसे सीईओ हैं जो पूरी दुनिया में सबसे हाई सैलरी पर सीईओ बने हैं. इनके सीईओ बनने पर आपने इनकी सैलरी भी आपने देखी होगी जो करोड़ों में है. अब हमारे दिमाग में ये सवाल जरूर आता है कि क्या हम भी किसी कंपनी के सीईओ बन सकते हैं? सीईओ बनने का क्या तरीका है? सीईओ कैसे बनते हैं? इस तरह के सभी सवाल आपके दिमाग में आ रहे होंगे. इन सभी सवालों के जवाब आपको यहाँ मिलेंगे.

 CEO क्या होता है

 सीईओ बनने से पहले हम ये जान लेते हैं कि सीईओ क्या होता है. सीईओ का पूरा नाम होता है Chief Executive Officer यानि मुख्य कार्यकारी अधिकारी. सीईओ किसी कंपनी में एक ऐसा व्यक्ति होता है जो अपने हुनर से कंपनी की पूरी टीम से सही तरीके से काम करवाए उन्हें मोटीवेट रखे और कंपनी को सफलता के रास्ते पर ले जाए. अब सीईओ बनने के लिए आपको बिजनेस पर या किसी और टॉपिक पर पीएचडी करने की जरूरत नहीं है. आपके काम करने का तरीका ही आपको सीईओ बनाता है. जब आप सीईओ के कार्यों के बारे में जानेंगे तो आप अपने आप समझ जाएंगे की वास्तव में सीईओ क्या होता है?

CEO के कार्य

सीईओ किसी कंपनी में कर्मचारी की हैसियत से काम नहीं करता बल्कि मालिक की हैसियत से काम करता है. उसे अपने विजन से कंपनी को आगे लेकर जाना होता है. उसके अंतर्गत कई काम होते हैं जिन्हें आपको जानना चाहिए.

– एक सीईओ को पूरी कंपनी की टीम को साथ में लेकर चलना होता है. एक अच्छा  सीईओ वही है जिससे कंपनी के कर्मचारी कभी नाराज न हो या फिर उन्हें सीईओ को लेकर मतभेद न हो. एक सीईओ जो चाहता है उसे वो अपनी टीम द्वारा करवाना आना चाहिए. जब तक उसकी टीम उसका साथ नहीं देगी सीईओ कंपनी को आगे ले जाने में सफल नहीं हो पाएगा.

– टीम को साथ लेकर चलने के अलावा सीईओ का मुख्य काम होता है कंपनी को सफलता के रास्ते पर ले जाना. एक CEO का विजन ऐसा होना चाहिए जिससे वो कंपनी को आगे ले जा सके और अपने प्रतिद्वंदीयों से आगे निकल सके.

– सीईओ का अगला काम बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर क्या चाहते हैं उसके अनुसार भी काम करना होता है. लेकिन कई बार हो सकता है कि बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर जो चाहते हो वो गलत हो ऐसे में आपको अपने आप को सही भी साबित करना होता है और उन्हें अपना विजन भी बताना होता है कि कैसे आप अपनी रणनीतियों के दम पर कंपनी को आगे ले जाने वाले हैं.

– कंपनी के फाइनेंशियल मामलों से लेकर सभी मामले एक सीईओ के अंडर में रहते हैं. हालांकि इन्हें करने के लिए उनके नीचे कई लोग रहते हैं लेकिन एक सीईओ को ये पता होता है कि उसकी कंपनी की हालत कैसी है.

सीईओ कैसे बनें? How to become CEO?

सीईओ क्या होता है और कैसे काम करता है ये तो आप जान ही गए होंगे. चलिये अब बात करते हैं कि सीईओ कैसे बनें?

अगर आप सोच रहे हैं कि आप कोई कोर्स करके सीईओ बन जाएंगे तो ऐसा संभव नहीं है. अभी तक ऐसा कोई कोर्स नहीं है जो ये कह सके कि उसे करने के बाद आप सीईओ बन जाएंगे. लेकिन आप एक सही रणनीति के साथ सीईओ बन सकते हैं.

– सीईओ बनने के लिए सबसे पहले अपनी स्कूल की शिक्षा पूरी करें.

– इसके बाद आप जिस फील्ड में जाना चाहते हैं  उसमें ग्रेजुएशन करें हो सके तो आप पोस्ट ग्रेजुएशन भी कर सकते हैं.

– ग्रेजुएशन होने के बाद आप एमबीए करें.

– एजुकेशन पूरी होने के साथ या उसके बाद आपको अपने करियर पर ध्यान देना है. आप किसी अच्छी कंपनी में एक कर्मचारी के तौर पर काम कर सकते हैं.

– कंपनी में काम करने के दौरान आप उस कंपनी में सिर्फ एक कर्मचारी रहेंगे लेकिन आपको सीईओ बनना है तो आपके अंडर वैसी क्वालिटी भी होना चाहिए जिससे कंपनी के मालिक या बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर को लगे कि आप सीईओ बन सकते हैं.

– काम करने के साथ-साथ अपनी टीम या फिर अपने सह कर्मियों के साथ अच्छे से पेश आए. उनके साथ टीमवर्क बनाए रखें.

– अगर आपसे किसी बात को लेकर आइडिया की मांग की जा रही है तो आप अपने अच्छे आइडिया को शेयर करें और अपने विजन के बारे में बताएं.

आपको एक कर्मचारी के रूप में इस तरह काम करना है जैसे आप सीईओ बनने के बाद करने वाले हैं. अगर आपमें सभी को साथ लेकर चलने और कंपनी को आगे ले जाने की क्वालिटी कंपनी के मालिक या बोर्ड ऑफ डाइरेक्टर को नजर आती है तो कुछ सालों में आप सीईओ बन सकते हैं. उदाहरण के तौर पर आप गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई को ही देख सकते हैं जो एक कर्मचारी के रूप में गूगल में नियुक्त हुए थे और आज अपने टैलेंट के दम पर वो गूगल के सीईओ बन गए हैं. आज उनके विजन की सराहना पूरे विश्व में होती है.

सीईओ बनने के लिए जरूरी गुण

सीईओ बनने के लिए आपमें कुछ विशेष गुण होना बहुत जरूरी है.

– एक अच्छे सीईओ को हमेशा विनम्र होना चाहिए. एक सीईओ कभी भी खुद के लिए काम नहीं करता है वो अपने टीम के लिए काम करता है. अगर उससे कोई गलती हो जाती है तो उसकी ज़िम्मेदारी लेने से भी उसे पीछे नहीं हटना चाहिए. अगर आप विनम्र रहेंगे तो टीम भी आपके साथ अच्छे से बर्ताव करेगी और टीम के कर्मचारी आपकी इज्जत करेंगे.

– एक अच्छा सीईओ वही है जो टीम द्वारा किए गए अच्छे कामों पर टीम को प्रोत्साहित करे. ये नहीं कि जब टीम ने अच्छा काम किया तो खुद ने क्रेडिट ले लिया और जब कोई काम बिगड़ा तो टीम को दोषी बना दिया. अगर आप ऐसा करेंगे तो टीम आपकी बिलकुल इज्जत नहीं करेगी. टीम के अच्छे कामों पर आपको उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि वे और भी अच्छे से काम करें.

– सीईओ बनने के लिए आपमे सबसे जरूरी गुण ‘बोलने का हुनर है’ आप अपनी टीम और अपने क्लाईंट के साथ कैसे बात करते हैं उन्हें कैसे कन्वेन्स करते हैं ये बहुत जरूरी है. आपका बोलने का तरीका ऐसा होना चाहिए जिससे कि आपसे बात करने वाला आपकी बातों को याद रखे.

– कई लोगों को आपने देखा होगा कि जब वो बड़ी पोस्ट पर पहुँच जाते हैं तो वो दूसरे लोगों की बातों को सुनना बंद कर देते हैं और अपनी ही बातों का गुणगान करते रहते हैं जबकि अच्छे सीईओ की क्वालिटी होती है कि वो सुनता ज्यादा है और उसके बाद बहुत सोच समझ कर बोलता है. उसकी बाते ऐसी होती है जो लोगों के मन में बस जाती है और लोग उन्हें हमेशा याद रखते हैं.

क्या सीईओ कंपनी का मालिक होता है?

कई लोगों का सोचना होता है कि क्या सीईओ कंपनी का मालिक होता है? तो ऐसा जरूरी नहीं है कि सीईओ कंपनी का मालिक ही हो. जैसे Google के फाउंडर लेरी पेज और सरगे ब्रिन है लेकिन सीईओ सुंदर पिचाई है. अधिकतर कंपनियों के मालिक ही उस कंपनी के सीईओ बन जाते हैं क्योंकि उन्हें लगता है वे ही कंपनी को अच्छी तरह चला सकते हैं. जबकि कई लोग चाहते हैं कि उनसे भी अच्छे लोग कंपनी को चलाये और आगे लेकर जाएँ. इसलिए वे उनसे भी अच्छे व्यक्ति को कंपनी का सीईओ बना देते हैं जिसे उनसे भी ज्यादा नॉलेज उस फील्ड की होती है.

सीईओ की सैलरी कितनी होती है?

सीईओ की सैलरी उसके काम और उसकी कंपनी पर निर्भर करती है. आप समझ गए होंगे की सीईओ के काम क्या-क्या होते हैं तो उसकी सैलरी भी उसी हिसाब से होती है. एक सीईओ की सैलरी लाख से करोड़ों में हो सकती है. ये सब कंपनी के टर्नओवर और उसके द्वारा किए गए कामों पर निर्भर करती है. यदि सीईओ काफी अच्छे से कंपनी को चला रहा है और आगे ले जा रहा है तो उसे काफी अच्छी सैलरी मिल सकती है.

सीईओ की कोई निश्चित सैलरी नहीं होती और न ही सीईओ ऐसी पोस्ट है जिसके लिए कंपनी ऑफिशियल तौर पर हायरिंग करती है. सीईओ को हायर करना पूरी तरह कंपनी की जरूरत पर निर्भर करता है. बड़ी कंपनियाँ जिनका बिजनेस कई देशों में फैला होता है वे लोग अक्सर सीईओ हायर करते हैं लेकिन वे ऐसे लोगों को सीईओ बनाते हैं जो उनके काफी भरोसेमंद हो और उनकी कंपनी को आगे ले जाने में सक्षम हो. वे जिसे सीईओ के तौर पर नियुक्त करने वाले होते हैं वो उनके विजन को बहुत अच्छे से जानते हैं. 

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