किसी कंपनी में जब आप जॉब की तलाश करते हैं तो वहाँ दो तरह की जॉब होती हैं. कुछ जॉब Front Office होती हैं और कुछ Back Office Job होती हैं. कई लोग इन दोनों के बीच अंतर को नहीं जानते हैं.
Front Office Job और Back Office Job दोनों में काफी ज्यादा अंतर होता है. इसकी कार्यशैली भी अलग होती है. अगर आप किसी भी कंपनी में जॉब करना चाहते हैं तो इन दोनों के बारे में आपको जरूर पता होना चाहिए क्योंकि इन दोनों के अंतर्गत ही सारी नौकरियां आती हैं.
Front Office Work क्या होता है?
एक कंपनी दो तरह से काम करती है. कंपनी का एक हिस्सा ऐसा होता है जो कस्टमर के साथ सीधे Interact करता है. उन्हें Front Office कहा जाता है.
जैसे बैंक में आप जाते हैं तो आप पैसे निकालने के लिए कैशियर के पास जाते हैं, पासबुक में एंट्री करवाने के लिए किसी और बैंकिंग कर्मचारी के पास जाते हैं, ATM बनवाने के लिए किसी और कर्मचारी के पास जाते हैं.
इस तरह हर संस्थान और कंपनी में कस्टमर के साथ Interact करने वाले स्टाफ को Front Office Staff कहा जाता है तथा इनके द्वारा किये गए कार्य को Front Office Work कहा जाता है.
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Front Office की जिम्मेदारी
अधिकतर संस्थानों में देखा गया है कि Front Office स्टाफ सिर्फ ऊपरी तौर पर कार्य करता है. जैसे एक अस्पताल के फ्रंट ऑफिस में रिसेप्शन होता है. यहाँ सिर्फ कागजी कार्यवाही की जाती है जबकि उसका इलाज डॉक्टर द्वारा बैक ऑफिस वर्क में किया जाता है.
Front Office की जिम्मेदारी ये होती है कि वो कस्टमर और कंपनी के बीच एक मीडिएटर का काम करे. वो कस्टमर की भावनाओं को समझे और उसे कंपनी तक पहुंचाए. वहीं वो कंपनी की पॉलिसी को कस्टमर तक पहुंचाए ताकि दोनों संतुष्ट रहे.
किसी भी कंपनी को आगे बढ़ाने में Front Office Staff एक महत्वपूर्ण रोल निभाता है. किसी कंपनी ने यदि प्रोडक्ट बनाए हैं तो उन्हें बेचने का काम, डीलर से कांटेक्ट करने का काम, उन्हें लोगों तक पहुंचाने का काम ये सब Front Office Staff ही करता है.
इसका सीधा सा मतलब है कि कंपनी की सेल्स को बढ़ाने और कंपनी की तरक्की में Front Office Staff एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं. इनके बिना कंपनी की ग्रोथ के बारे में नहीं सोच जा सकता है.
Back Office क्या होता है?
Back office किसी भी कंपनी या संस्थान की Backbone यानी रीढ़ की हड्डी होती है. एक तरफ जहां Front Office Staff कंपनी को तरक्की की ओर ले जाते हैं वहीं दूसरी ओर Back Office Staff कंपनी की नींव को मजबूत करने का काम करते हैं.
Back office staff कंपनी का वो स्टाफ होता है जो सीधे तौर पर कस्टमर से interact नहीं करता लेकिन कंपनी को मजबूत करने के लिए असली काम यही करता है. प्रोडक्ट को बनाने से लेकर पूरे वित्तीय लेनदेन का हिसाब रखने तक का काम Back Office Staff ही करता है.
Back Office Staff के बिना तो किसी भी कंपनी की कल्पना नहीं की जा सकती. क्योंकि अगर ये नहीं रहेंगे तो कंपनी न तो कोई प्रोडक्ट बना पाएगी और न ही कंपनी अपने लेनदेन का हिसाब रख पाएगी. सच कहे तो यही हैं जो Front Office Staff को भी काम देते हैं.
आपने बैंक में देखा होगा कि कई लोग ऐसे भी होते हैं जो कस्टमर से मिलते नहीं हैं लेकिन फिर भी बैंक में काम करते हैं. इनका काम बैक ऑफिस का होता है. कई बार बैंक में बैक ऑफिस वर्क बैंक के समय के बाद होता है. जैसे 5 बजे के बाद से. इसके अलावा बैंक के जो हेड क्वार्टर होते हैं उनमें भी बैंकिंग कर्मचारी होते हैं जो कस्टमर से interact नहीं होते हैं वे भी बैक ऑफिस स्टाफ में ही आते हैं.
बैक ऑफिस की जिम्मेदारी
बैक ऑफिस स्टाफ क्या काम करता है ये तो आप समझ ही गए होंगे. चलिए अब जानते हैं बैक ऑफिस स्टाफ की जिम्मेदारी क्या होती है?
बैक ऑफिस स्टाफ किसी भी कंपनी की रीढ़ की हड्डी होती है. इनके बिना किसी कंपनी की कल्पना नहीं की जा सकती है. इनका काफी ज्यादा महत्वपूर्ण रोल है किसी भी कंपनी की कार्यशैली में.
– बैक ऑफिस स्टाफ की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है प्रोडक्शन को लेकर. कोई कंपनी यदि किसी प्रोडक्ट को बनाती है तो उसके प्रोडक्शन की जिम्मेदारी बैक ऑफिस स्टाफ के कंधों पर ही होती है.
– कंपनी के सारे लेनदेन की जानकारी बैक ऑफिस स्टाफ को ही रखनी होती है. इन्हें पता होता है कि कंपनी ने कितना माल खरीद है कितना बेच है, आने वाले समय के लिए उन्हें कितना माल बनाना है. ये सभी जानकारी बैक ऑफिस स्टाफ को होती है.
– कंपनी में अनुशासित प्रशासन हो इसकी जिम्मेदारी भी बैक ऑफिस स्टाफ की ही होती है.
किसी भी कंपनी को आगे बढ़ने में फ्रन्ट ऑफिस स्टाफ और बैक ऑफिस स्टाफ दोनों का बराबर सहयोग होना जरूरी है. अगर दोनों के बीच तालमेल बढ़िया है तो कंपनी ग्रो करती है और उसे कोई दिक्कत नहीं होती है.
दूसरी ओर फ्रन्ट ऑफिस स्टाफ और बैक ऑफिस स्टाफ के बीच यदि कोई मतभेद है तो इसकी वजह से कंपनी की इमेज खराब हो सकती है. इससे कस्टमर भी परेशान होगा और कंपनी को भी नुकसान होगा. हमेशा दोनों के बीच उचित सामंजस्य होना बेहद जरूरी है. दोनों के बिना कंपनी ग्रो नहीं कर सकती है.
जब आप जॉब देखेंगे तो इसमें फ्रंट ऑफिस और बैक ऑफिस का मतलब आप आसानी से समझ जाएंगे. अगर आपको ऐसी जॉब करनी है जिसमें कस्टमर के साथ Interect होना पड़े तो आप Front office जॉब कर सकते हैं वहीं अगर आप कस्टमर के साथ Interect नहीं होना चाहते हैं तो आप Back office job कर सकते हैं.
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दोनों में से किसी भी जॉब को आप अपनी रुचि के अनुसार चुन सकते हैं. दोनों में से कोई भी नौकरी बुरी नहीं है सब आपकी चॉइस का मामला है. कुछ लोगों को दूसरे लोगों के साथ मिलना-जुलना उनसे बातें करना अच्छा लगता है तो कुछ को अकेले काम करना अच्छा लगता है. आप अपनी चॉइस के अनुसार दोनों में से किसी एक को चुने.