जब भी किसी व्यक्ति को गंभीर बीमारी होती है तो उसे MRI या CT Scan करवाने की सलाह डॉक्टर के द्वारा दी जाती है ताकि उसकी बीमारी का पता लगाया जा सके. एमआरआई आजकल एक काफी कॉमन जांच हो गई है लेकिन आम इंसान के लिए ये काफी महंगी जांच है. MRI क्या होता है? (MRI Kya hai) MRI की जांच कब की जाती है? MRI जांच की कीमत कितनी होती है? (MRI Ki Price) MRI और CT Scan में क्या अंतर होता है? इन सभी सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिलेंगे.
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एमआरआई क्या होता है? (MRI Kya hai?)
MRI का पूरा नाम Magnetic Resonance Imaging है. (MRI Full Form) इसमें शरीर को स्कैन करने के लिए शक्तिशाली चुम्बकों, रेडियो किरण और कंप्यूटर प्रोग्राम का उपयोग किया जाता है. MRI Scan से शरीर के लगभग हर हिस्से की जांच करना संभव है. एमआरआई का प्रयोग 1980 के दशक से शुरू किया गया था. इस तकनीक में एक्स रे तथा अन्य इमेजिंग टेस्ट की तरह रेडिएशन का खतरा नहीं होता है.
एमआरआई क्यों किया जाता है? (Why MRI is required?)
एमआरआई की मदद से शरीर को नुकसान पहुंचाए बिना शरीर के अंदरूनी अंगों को सटीकता से देखा जा सकता है. एमआरआई स्कैन रोग और चोट के निदान में डॉक्टर की मदद करती है. इससे यह नजर रखने में भी मदद मिलती है की मरीज का उपचार कितने अच्छे से किया जा रहा है. जैसे यदि किसी व्यक्ति की हड्डी टूट गई है तो एमआरआई की मदद से ये सटीकता से पता लगाया जा सकता है कि शरीर में हड्डी कहाँ और किस तरीके से टूटी है. ये पता लगने के बाद डॉक्टर उस हड्डी को जोड़ने के लिए उचित इलाज करते हैं, सर्जरी करते हैं ताकि सटीकता से हड्डी को जोड़ा जा सके.
एमआरआई से किन रोगों की जांच की जाती है? (MRI test for which disease?)
एमआरआई से पूरे शरीर की जांच की जा सकती है. ये शरीर के अलग-अलग अंगों के लिए अलग-अलग प्रकार से काम करती है.
– इसकी मदद से टूटी हुई हड्डी के बारे में सटीकता से पता लगाया जा सकता है.
– दिमाग पर यदि चोट लग गई है तो उसके बारे में सटीकता से पता लगाया जा सकता है.
– स्ट्रोक की जांच की जा सकती है.
– हृदय रोग की जांच की जा सकती है.
– अवरुद्ध रक्त वाहिकाओं की जांच की जा सकती है.
– दिल की संरचना से संबन्धित समस्याओं की जांच की जा सकती है.
– स्तन कैंसर की जांच की जा सकती है.
– किडनी की जांच की जा सकती है.
– अंडाशय की जांच की जा सकती है.
इसके अलावा भी कई सारे रोग में शरीर की जांच के लिए डॉक्टर एमआरआई करवाने की सलाह देते हैं.
एमआरआई जांच में जोखिम (MRI Test Side Effect)
एमआरआई जांच एक दर्दरहित जांच है जो सुरक्षित होती है. लेकिन इसके भी कुछ जोखिम होते हैं. जैसे किसी व्यक्ति का अंग प्रत्यारोपण किया गया है तो ये जांच उनके लिए नहीं है. जैसे किसी व्यक्ति को पेसमेकर लगाया गया है तो उस व्यक्ति के लिए ये जांच एक तरह का खतरा है क्योंकि इस जांच में निकलने वाली चुंबकीय तरंगे उसके पेसमेकर को प्रभावित करेगी. इससे उस व्यक्ति की दिल की धड़कन रुक सकती है.
एमआरआई जांच एक नॉर्मल रोगी के लिए ठीक है. क्योंकि इसमें रेडिएशन की संभावना बेहद कम होती है. जिन्हें रेडिएशन का खतरा ज्यादा होता है वे इस प्रक्रिया को अपना सकते हैं.
एमआरआई से पहले बरतें सावधानी (Precaution during MRI)
एमआरआई करने से पहले बहुत सारी सावधानी बरती जाती है और ये जरूरी भी है क्योंकि इसकी वजह से एमआरआई करवाने वाले व्यक्ति के शरीर को नुकसान भी पहुँच सकता है. रोगी के शरीर में ऐसी कोई भी चीज नहीं होनी चाहिए जो चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न होने पर प्रभावित हो सके. इसमें खासतौर पर मेटल की चीजों को देखा जाता है.
– एमआरआई करवाने से पहले रोगी की सेहत की जांच देखी जाती है जो डॉक्टर द्वारा बनाई जाती है.
– रोगी के शरीर में धातु का कोई उपकरण नहीं होना चाहिए.
– रोगी ने शरीर पर धातु की कोई चीज धारण न की हो जैसे ज्वेलरी या कोई अन्य चीज.
– रोगी के पास सुनने की मशीन न हो.
– शरीर पर किसी तरह की पियर्सिंग ज्वेलरी न हो.
– रोगी ने घड़ी नहीं पहनी हो.
सीटी स्कैन क्या होता है? (What is CT Scan?)
सीटी स्कैन का पूरा नाम कंप्यूट्राइज्ड टोमोग्राफी होता है. ये एक तरह का थ्री डाइमेंशन एक्सरे होता है. जिसमें शरीर के अंग को छोटे-छोटे हिस्सों में विभाजित कर उसका अध्ययन किया जाता है. इसके जरिये आने वाली इमेज हाई क्वालिटी की होती है जिससे रोग का सटीकता से पता लगाया जा सकता है. जैसे यदि फेफड़ों का सीटी स्कैन हो रहा है तो फेफड़ों की 3डी इमेज इसके जरिये देखी जा सकती है. सीटी स्कैन में रेडिएशन का प्रयोग होता है. इसलिए इसे डॉक्टर की सलाह पर ही करवाएँ. अगर आप बेमतलब ही अपने शरीर का बार-बार सीटी स्कैन करवा रहे हैं तो ये आपके शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
सीटी स्कैन और एमआरआई में क्या अंतर होता है? (Difference between CT Scan and MRI)
सीटी स्कैन और एमआरआई की मशीन देखने में काफी हद तक एक जैसी होती है. लेकिन इनमें काफी बड़ा अंतर होता है. एमआरआई में रेडियो तरंगों और चुंबकीय क्षेत्रों का इस्तेमाल शरीर का अध्ययन करने के लिए किया जाता है. वहीं सीटी स्कैन में एक्स रे तकनीक का उपयोग किया जाता है जिसमें रेडियो तरंगों का इस्तेमाल अत्यधिक होता है. ये शरीर के लिए एमआरआई की तुलना में ज्यादा नुकसानदायक होती है. एमआरआई मशीन शोर ज्यादा करती है वहीं सीटी स्कैन मशीन कम शोर करती है. एमआरआई जांच सीटी स्कैन के मुक़ाबले ज्यादा महंगी होती है.
एमआरआई जांच की कीमत कितनी होती है? (MRI Test Price in India)
एमआरआई जांच यदि आप करवाने वाले हैं तो आपके दिमाग में इसकी कीमत को जानने की जिज्ञासा भी हो रही होगी. एमआरआई जांच की कीमत इस बात पर निर्भर करती है कि आप शरीर के किसी खास अंग का एमआरआई करवाना चाहते हैं या पूरे शरीर का एमआरआई करवाना चाहते हैं. एमआरआई जांच की कीमत की शुरुआत 2000 रुपये से होती है जिसमें आप शरीर के किसी एक अंग की जांच करवा सकते हैं. वहीं पूरे शरीर का एमआरआई करवाने में आपको 15 से 30 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं.
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एमआरआई जांच आपके शरीर में रोगों का पता लगाना के लिए की जाती है. इसे करवाने के बाद डॉक्टर और भी सटीकता से आपका इलाज करते हैं. लेकिन एमआरआई जांच को आप डॉक्टर की सलाह पर ही करवाएँ.