Protocol क्या होता है, जानिए कैसे काम करता है Internet Protocol? 

कभी आपने सोचा है कि आपके डिवाइस पर आप दुनियाभर की जानकारी कैसे खोज पाते हो, आप एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस तक अपना मैसेज या अपनी आवाज कैसे पहुंचा पाते हो. शायद आपका जवाब ‘इंटरनेट’ हो. लेकिन इंटरनेट को भी काम करने के लिए एक चीज चाहिए जिसे Protocol कहा जाता है. 

इंटरनेट और डिवाइस के बीच खास प्रोटोकाल न हो तो ये मानिए कि पूरा इंटरनेट अस्त-व्यस्त हो जाएगा. आपने कई बार Protocol नाम का शब्द सुना होगा लेकिन इसके बारे में जानने की कोशिश नहीं की होगी. 

Protocol डिवाइस के बीच communication establish करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और ये कई तरह के होते हैं. मतलब अलग-अलग तरह के communication के लिए अलग-अलग protocol. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि Protocol kya hota hai? Protocol कितने प्रकार के होते हैं और कैसे काम करते हैं? 

 Protocol क्या है? (What is Protocol?) 

Protool नियमों एवं दिशा निर्देशों का एक सेट है जिसका उपयोग Data के Communication के लिए किया जाता है. जहां भी दो या दो से अधिक डिवाइस के बीच कमुनिकेशन होता है वहाँ ये नियम हर Step और Processing के लिए परिभाषित किए जाते हैं.  

इंटरनेट हो या कॉल हर जगह पर Data को Transmit करने के लिए इन नियमों का पालन करना जरूरी होता है. प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की तरह ही ये प्रोटोकाल विशेष Rules & Regulation पर आधारित होते हैं. 

उदाहरण के तौर पर इंटरनेट का उपयोग करने के लिए HTTP यानि Hyper text transfer protocol का उपयोग किया जाता है. ये इंटरनेट पर फाइल्स को ट्रांसफर करता है और सर्वर से आप तक पहुंचाता है. 

Protocol के प्रकार (Types of Protocol)

Protocol कई तरह के होते हैं जो अलग-अलग जगह पर उपयोग किए जाते हैं. 

1) TCP (What is TCP?)

TCP का पूरा नाम Transmission Control Protocol है. इसका उपयोग नेटवर्क के जरिए कम्यूनिकेशन करने में किया जाता है. TCP के अंतर्गत Data को छोटे-छोटे पैकेट में बांटकर Destination तक भेजा जाता है. लोकेशन तक भेजने में IP महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. 

2) IP (What is IP?)

IP का पूरा नाम Internet Protocol है. ये TCP के साथ मिलकर कार्य करता है. इसका उपयोग Address का पता लगाने के लिए किया जाता है. हर डिवाइस का अपना युनीक IP Address होता है, जिसे IP Define करता है. 

3) FTP (What is FTP?) 

FTP का पूरा नाम File Transfer Protocol है. इसका उपयोग फाइल्स को विभिन्न नेटवर्क पर ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है. ये फाइल्स टेक्स्ट, विडिओ, फ़ोटो आदि हो सकते हैं.  FTP की ये विधि सभी तरीकों से तेज है. 

3) SMTP (What is SMTP?)

SMTP का उपयोग ईमेल भेजने में किया जाता है. एसटीपी का पूरा नाम Simple Mail Trasnfer Protocol होता है. इसका उपयोग पूरे इंटरनेट पर Outgoing Mail तथा ट्रांसमिशन को मैनेज करने के लिए किया जाता है. अतः हम कह सकते हैं कि इंटरनेट पर किसी Email को Deliver करने और उसे भेजना का कार्य SMTP के जरिए होता है. 

4) HTTP (What is HTTP?)

आपने यदि इंटरनेट का उपयोग किया हो तो आपने देखा होगा कि प्रत्येक URL के शुरुआत में HTTP या HTTPS लिखा होता है. इसका पूरा नाम Hypertext transfer protocol होता है. ये Client और Server पर आधारित होता है. इसका मुख्य कार्य दोनों के बीच संबंध स्थापति करना होता है. 

HTTP एक Underlying Protocol है जिसका उपयोग World wide web के द्वारा किया जाता है. ये Define करता है कि इंटरनेट पर आपकी सूचना किस तरह से Fromatted और Transmited होगी. इसके अलावा HTTP ये बताता है कि Web server तथा Browser द्वारा विभिन्न कमांड के लिए कौन सा एक्शन लेना चाहिए. 

HTTP ये कंट्रोल करता है कि www कैसे कार्य करेगा? अतः HTTP ऐसा प्रोटोकॉल है जिसके बिना इंटरनेट पर दिख रही सूचनाओं का अस्तित्व न के बराबर है. मतलब आप जिस रूप में इंटरनेट पर सूचनाओं को देखते हैं उसके पीछे HTTP ही कार्य करता है. 

5) Ethernet (What is Ethernet?) 

अभी तक इंटरनेट को लोगों तक पहुंचाने के कार्य Ethernet के जरिए किया जा रहा है. Ethernet Protocol का उपयोग LAN Communication के लिए सबसे जरूरी होता है.  LAN का पूरा नाम Local Area Network होता है. 

Ethernet Data को डिजिटल पैकेट में ट्रांसमिट करता है और यदि किसी डिवाइस में Ethernet का उपयोग करना है तो उसके लिए कंप्यूटर में Ethernet Network Interface Card का होना जरूरी है. इस कार्ड में Unique Address होता है जिसमें माइक्रोचिप फिक्स होती है. 

6) Telnet (What is Telnet?)

इंटरनेट का उपयोग तो हम सभी करते हैं लेकिन हम हर साइट को एक्सेस कर पाए ये जरूरी नहीं होता है. जैसे सरकारी कार्यों के लिए Remote Login होता है उसका उपयोग हम नहीं कर पाते हैं. इसमें Telnet महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. 

Remote Login करने में जो कंप्यूटर कनेक्शन के लिए Request करता है वहाँ एक Local Computer होता है, तथा जो उस रिक्वेस्ट को स्वीकार करता है उसे Remote Computer कहा जाता है. कनेक्शन स्थापित होने के बाद लोकल कंप्यूटर से कमांड दी जाती है, तो वह रिमोट कंप्यूटर में Execute होती है. 

कुलमिलाकर Telnet ऐसे कम्यूनिकेशन के लिए कार्य करता है जिनमें Remote login की आवश्यकता होती है. इसे एक्सेस करने के लिए आपके पास एक सही Web Address और Password होना चाहिए.  

7) Gopher (What is Gopher?)

Gopher का नाम हो सकता है आपने पहले न सुना हो लेकिन ये एक Application layer protocol है, जिसका उपयोग उसी स्थिति में किया जाता है जब किसी रिमोट साइट से Documents को सर्च या Retrieve किया जाता है. इसके साथ ही Gopher का उपयोग किसी अन्य कंप्यूटर के साथ ऑनलाइन कनेक्शन को स्थापित करने में भी किया जाता है. 

Protocol कैसे काम करता है? (How Protocol Works?)

आपने अभी तक Protocol क्या है और Protocol के प्रकार के बारे में जाना. चलिए अब जानते हैं कि Protocol कार्य कैसे करता है?

Protocol का कार्य होता है सूचनाओं को सही जगह पर पहुंचाना. अगर प्रोटोकॉल न हो तो आपके द्वारा इंटरनेट पर सर्च की गई जानकारी के बदले में इंटरनेट आप तक किसी और जानकारी को पहुंचाने लगेगा जो आपके किसी काम की नहीं रहेगी. 

उदाहरण के लिए जब आप इंटरनेट पर किसी वेबपेज को सर्च करते हैं तो सर्वर पर वो वेबपेज स्टोर होता है. आपके द्वारा Browser से कोई भी जानकारी सर्च की जाती है, Browser उस सर्वर पर रिक्वेस्ट भेजता है. इसके बाद सर्वर उस जानकारी को Data के रूप में Browser तक पहुंचाता है. 

Browser से server तक रिक्वेस्ट भेजने और Server से Browser तक जानकारी भेजने के बीच ही Protocol अपना कार्य करता है.  

इसमें TCP/IP Protocol Server और Web Browser दोनों के बीच Connection बनाता है. मतलब ये एक रास्ते की तरह है, जिसमें TCP Web browser को ये बताता है कि उसे किस सर्वर पर अपनी Request भेजना है. 

फिर Server TCP/IP के जरिए ही उस जानकारी को Browser तक भेजता है. IP Address के जरिए सर्वर को ये पता लग जाता है कि इस जानकारी के संबंध में किस कंप्यूटर द्वारा रिक्वेस्ट की गई है. 

ये जानकारी छोटे-छोटे पैकेट्स में आप तक आती है. आपके Browser में आने से पहले ये जानकारी एक अलग ही रूप में होती है, इस रूप में ये जानकारी आपके किसी काम की नहीं होती है. आपके Browser में स्थित HTTP उसे आपके योग्य बनाता है. 

मतलब एचटीटीपी उस जानकारी उस रूप में ले आता है जिसमें वो आपके काम आए, आपके पढ़ने और देखने योग्य हो जाए. इसी तरह से अलग-अलग प्रोटोकॉल अपना कार्य करते हैं.  

इसी तरह SMTP भी कार्य करता है जो मेल भेजने और रिसीव करने में मदद करता है. SMTP के जरिए ही मेल सही लोकेशन तक पहुँच जाता है. 

Protocol का आविष्कार किसने किया? (Inventor of Protocol?) 

Internet Based Protocol और सिस्टम मुख्य रूप से 1970 तथा 80 के दशक में तैयार किए गए थे. इसके आविष्कार का श्रेय Vint Cerf तथा Robert E Kahn को जाता है. Vint Cerf को Father of Internet के रूप में भी जाना जाता है. ये एक अमेरिकन है और इस कार्य के लिए उन्हें कई अवार्ड मिल चुके हैं. 

Robert E Kahn की बात करें तो ये एक American Electronic Engineer हैं. इन दोनों ने मिलकर ही TCP/IP Protocol को विकसित किया था जिसका उपयोग आज पूरी दुनिया इंटरनेट का उपयोग करने के लिए कर रही है. 

Protocol का उपयोग इंटरनेट और कम्यूनिकेशन में किया जाता है. लेकिन आपने Protocol शब्द प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की सुरक्षा के संबंध में भी सुना होगा. यहाँ भी Protocol का मतलब नियमों के समूह से होता है. 

इसमें इनकी सुरक्षा का जिम्मा जिन अधिकारियों के पास होता है, उन्हें इसे फॉलो करना होता है इसके साथ ही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी इसे फॉलो करना होता है, ताकि उनकी सुरक्षा बनी रहे. इसमें सुरक्षा संबंधी कुछ नियम होते हैं. 

डिजिटल दुनिया में प्रोटोकॉल नियमों आ समूह है जो ये तय करता है कि इंटरनेट कैसे कार्य करेगा. अगर प्रोटोकॉल न हो तो इंटरनेट की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. आपके ही डिवाइस में यदि आप अपने IP Address से थोड़ी बहुत छेड़छाड़ करते हैं तो आप पाएंगे कि आपके डिवाइस पर इंटरनेट चलना बंद हो जाएगा. 

Protocol आप तक सूचनाओं को पहुंचाने का एक रास्ता और उस रास्ते पर चलने के नियम हैं. अगर किसी भी ओर से इन नियमों का उल्लंघन होता है तो कम्यूनिकेशन नहीं किया जा सकता.   

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