Storage Device क्या होती हैं, स्टोरेज डिवाइस कितने प्रकार की होती है? 

Storage के बारे में तो हम सालों से सुनते या रहे हैं लेकिन Storage Kya hai? Storage ke Types. इन चीजों के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं. आजकल ये हमारी लाइफ का बहुत बड़ा हिस्सा बन गए हैं और काफी बड़े कारोबार भी बन गए हैं.

इंटरनेट और स्मार्टफोन की दुनिया में स्टोरेज डिवाइस का बहुत बड़ा महत्व है. स्टोरेज डिवाइस के बिना किसी Smartphone, Computer, Smartwatch या फिर कोई और गैजेट की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. हर गैजेट में अलग-अलग तरह की स्टोरेज डिवाइस का उपयोग होता है जिन्हें अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है.

स्टोरेज डिवाइस क्या है? स्टोरेज डिवाइस के प्रकार कौन से हैं? Storage Device को किन नामों से बुलाया जाता है? इन सभी बातों के बारे में आप यहाँ जानेंगे.

स्टोरेज डिवाइस क्या है? What is a storage device?

डिवाइस कोई सी भी हो, हर डिवाइस डाटा के बिना अधूरी होती है. डाटा हर डिवाइस के लिए अलग-अलग हो सकता है. लेकिन कुछ बेसिक डाटा होते हैं जिनसे मिलकर और अन्य डाटा बनते हैं. जैसे टेक्स्ट, फ़ोटोज़, विडिओ और औडियो. इन चारों की मदद से दूसरे डाटा को तैयार किया जा सकता है.

जैसे स्मार्टफोन के लिए एप एक डाटा है. जिसके अंदर text, photo, video और audio कुछ भी हो सकता है. इसी तरह कंप्यूटर के लिए सॉफ्टवेयर भी एक डाटा है जिसके अंदर ये सारी चीजे हो सकती है.

स्टोरेज डिवाइस ऐसी डिवाइस होती हैं जो डाटा को स्टोर करने का कार्य करती हैं. कुछ स्टोरेज डिवाइस कुछ देर के लिए डाटा को स्टोर करती हैं तो कुछ डिवाइस हमेशा के लिए, जब तक उनकी लाइफ है. 

इसके बढ़िया उदाहरण पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क, मेमोरी कार्ड हैं. ये तीनों ही स्टोरेज डिवाइस है.

स्टोरेज डिवाइस का उपयोग कहाँ होता है? Where are storage devices used?

हमें लगता है कि आज के समय में कंप्यूटर और स्मार्टफोन में ही स्टोरेज डिवाइस का उपयोग हो रहा है लेकिन स्टोरेज डिवाइस का उपयोग हर इलेक्ट्रिक डिवाइस में होता है जिसे खास काम के लिए तैयार किया जाता है.

स्टोरेज डिवाइस का उपयोग आपकी डिजिटल वाच में, स्मार्ट बल्ब में, आपके ऑफिस में लगे पंचिंग मशीन में, रिमोट से चलने वाली कार में हर डिवाइस में इसका उपयोग हो रहा है.

आप सोच रहे होंगे कि इनमें भला क्यों स्टोरेज डिवाइस का उपयोग होने लगा. तो ये जान लीजिए कि इसके उपयोग से ही ये चीजे काम कर पाती हैं.

असल में कोई भी इलेक्ट्रिक डिवाइस तब तक अपने आप काम नहीं कर सकती जब तक कि उसे प्रोग्राम न किया गया हो. अगर किसी भी डिवाइस को प्रोग्राम किया जाता है तो उस डिवाइस में उस प्रोग्राम को रखने के लिए स्टोरेज भी होनी चाहिए. उस डाटा को रखने के लिए ही इलेक्ट्रिक डिवाइस में स्टोरेज का उपयोग होता है.

जैसे आप जो पहले बल्ब जलाते थे उसमें सिर्फ अंदर गैस भरी होती थी और वायर होते थे. इस बल्ब का काम था कि जब भी उसे इलेक्ट्रिसिटी मिले वो रोशनी दे. न तो वो फोन से कनेक्ट होकर बंद होता था और न ही अपने आप अपनी रोशनी के रंग को बदल सकता था.

स्मार्टबल्ब जो आपके स्मार्टफोन से कनेक्ट हो जाता है उसमें ऐसा नहीं होता है. SmartBulb आपको कई ऑप्शन देता है. जैसे आप उसे सिर्फ अपने स्मार्टफोन से बंद या चालू कर सकते हैं. आप अपने स्मार्ट फोन से उसका रंग बदल सकते हैं. ये सारे काम बल्ब में प्रोग्राम किये जाते हैं और इस प्रोग्राम को स्टोर करने के लिए स्टोरेज डिवाइस लगाई जाती है. 

स्टोरेज डिवाइस कैसे काम करती हैं? How do storage devices work?

स्टोरेज डिवाइस का काम मुख्य तौर पर आपके डाटा को स्टोर करना होता है लेकिन इसके प्रकार के आधार पर इसके कार्यों में थोड़ी बहुत भिन्नता हो सकती है. हालांकि हर मोड में इसका काम सिर्फ डाटा को स्टोर करना ही होता है. कुछ डाटा ये डिवाइस के द्वारा बनाई गई फाइल्स के जरिए स्टोर करता है तो कुछ डाटा आप खुद इसमें स्टोर करते हैं. 

स्टोरेज डिवाइस के प्रकार Storage device type

स्टोरेज डिवाइस को मुख्य तौर पर दो भागों में बाटा गया है. मतलब इसके दो मुख्य प्रकार हैं. 

1) प्राथमिक स्टोरेज डिवाइस (Primary Storage Device)

2) द्वितीयक स्टोरेज डिवाइस (Secondary Storage Device)  

कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे कंप्यूटर, लैपटॉप और स्मार्टफोन में दो तरह की स्टोरेज उपयोग की जाती है. एक स्टोरेज वो होती है जो एप या सॉफ्टवेयर को चलाने के लिए उपयोग की जाती है और एक स्टोरेज वो होती है जो एप या सॉफ्टवेयर को स्टोर करने के लिए उपयोग की जाती है.  

प्राइमेरी स्टोरेज डिवाइस क्या है?

प्राइमरी स्टोरेज डिवाइस ऐसी स्टोरेज डिवाइस होती है जिनका इस्तेमाल कंप्यूटर या स्मार्टफोन का CPU  सीधे तौर पर करता है. इन्हें किसी डिवाइस की मैन मेमोरी भी कहा जाता है. ये डिवाइस के उपयोग के आधार पर डाटा को होल्ड करके रखती है. 

प्राइमरी स्टोरेज में RAM, ROM और Cache Memory आती है. इनमें से RAM एक Volatile Memory होती है जबकि ROM Non Volatile Memory होती है. 

RAM में डाटा उतनी ही देर के लिए रहता है जितनी देर तक आपकी डिवाइस ऑन रहती है. इसके बाद सारा डाटा डिलीट हो जाता है. वहीं ROM में मौजूद डाटा तब तक रहता है जब तक आप उसे खुद डिलीट नहीं कर देते हैं. 

Secondary Storage Device क्या है?

सेकंडरी स्टोरेज डिवाइस उन स्टोरेज डिवाइस को कहते हैं जो डाटा को लंबे समय तक होल्ड करके रखती है. मतलब ऐसी डिवाइस जो डाटा को हमेशा के लिए होल्ड करके रखेगी उसे हम सेकंडरी स्टोरेज डिवाइस कहेंगे.  

ये डिवाइस कंप्यूटर या किसी डिवाइस की मैन मेमोरी तो नहीं होती है लेकिन इनके बिना ये अधूरे से होते हैं. इनके प्रमुख उदाहरण Hard Disk, SSD, Memory Card, Pen Drive आदि हैं. मतलब जो भी अलग से लगाई जाने वाली स्टोरेज डिवाइस है उन्हें सेकंडरी स्टोरेज डिवाइस है. 

सेकंडरी स्टोरेज भी आजकल हर डिवाइस की जरूरत बन चले हैं क्योंकि डाटा बहुत तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में इस डाटा को स्टोर करने के लिए अतिरिक्त स्टोरेज की जरूरत तो होती ही है. हम सभी एक्स्ट्रा हार्ड डिस्क, पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड का उपयोग अपने डेली यूज में करते ही हैं. 

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स्टोरेज डिवाइस अब एक ऐसी चीज बन चुकी है जिसके बिना किसी भी स्मार्ट इलेक्ट्रिक डिवाइस का उपयोग करना बेहद मुश्किल है क्योंकि हर स्मार्ट इलेक्ट्रिक डिवाइस को सुचारु रूप से चलाने के लिए डाटा की जरूरत होती है और डाटा को स्टोर करने के लिए ही स्टोरेज डिवाइस का उपयोग किया जाता है. 

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