अमूल भारत की एक ऐसी कंपनी है जो लोगों के दिलों में बसती है. क्योंकि भारत के अधिकतर घरों को इसकी वजह से रोजगार मिल रहा है वहीं दूसरी तरफ अमूल दुनियाभर में बेहतरीन मिल्क प्रोडक्ट सप्लाई कर रही है. अमूल भारत की टॉप मिल्क प्रॉडक्ट कंपनी है. लेकिन अमूल (Amul Success story) के इतनी बड़ी कंपनी बनने के पीछे आखिर क्या कहानी है? इस बारे में जानना बेहद जरूरी है. आपके दिमाग में भी अमूल से संबन्धित कई सवाल आते होंगे. जैसे अमूल का पूरा नाम क्या है? (Amul Full form) अमूल के मालिक कौन हैं? (Amul owner name) अमूल की फ्रेंचाइजी कैसे ले सकते हैं? इन सभी सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिलेंगे.
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अमूल कैसे शुरू हुई?
अमूल के शुरू होने के पीछे बड़ी दिलचस्प कहानी (Amul Success Story) है. हम सभी जानते हैं कि आजादी से पहले हमारा देश एक कृषि प्रधान देश हुआ करता था. साल 1946 से पहले देश में कृषि और पशुपालन खूब किया जाता था जिसकी वजह से किसानों के पास दूध की कमी नहीं थी. उस समय भारत के गुजरात में Polson Dairy हुआ करती थी जो हाई क्लास के लोगों में बहुत फेमस थी. पोलसन डेयरी का काम किसानों से दूध लेकर उसे बड़े घर के लोगों तक पहुंचाना था.
अब समस्या ये थी कि पोलसन डेयरी द्वारा किसानों का शोषण किया जा रहा था. वे उनसे दूध तो खरीदते थे लेकिन उन्हें उसकी इतनी कीमत नहीं मिल पाती थी. इसके परिणामस्वरूप किसानों ने नॉन कॉपरेशन आंदोलन शुरू कर दिया. इस आंदोलन में श्री सरदार पटेल ने भी साथ दिया और फिर सरकार का ध्यान इस ओर गया. जिसके बाद गुजरात के आनंद में अमूल नाम की मिल्क कंपनी 14 दिसंबर 1946 को शुरू हुई. शुरुवात में इस कंपनी के दो संस्थान थे जिन पर 200 से 250 लीटर दूध आता था.
अमूल कंपनी का मालिक कौन है? (Amul Owner Name)
आमतौर पर लोगों को ऐसा लगता है कि अमूल कंपनी के मालिक (Amul company owner) वर्गीज़ कुरियन है. लेकिन वर्गीज़ कुरियन ने अमूल को बाद में जॉइन किया था. अमूल कंपनी एक मिल्क कॉपरेटिव कंपनी है जो कई लोगों के योगदान से चलती है. अमूल कंपनी के निर्माता के रूप में त्रिभुवनदास कृषि भाई पटेल को जाना जाता है. अमूल कंपनी का (Amul full form) पूरा नाम Anand Milk Union Limited (AMUL) है.
वर्गीज़ कुरियन का योगदान (verghese kurien and amul)
अमूल कंपनी की स्थापना के बाद उसे इतनी बड़ी कंपनी बनाने के पीछे सारी मेहनत वर्गीज़ कुरियन की है. उन्हें भारत में श्वेत क्रांति का जनक भी कहा जाता है. अमूल में आने से पहले वर्गीज़ कुरियन अमेरिका में अच्छी नौकरी करके अपना जीवन यापन कर रहे थे. उन्होने अमेरिका की मिशिगन यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ साइन्स किया था. साल 1949 में अमूल के फाउंडर (Amul Founder) त्रिभुवनदास के कहने पर वर्गीज़ कुरियन भारत आए और अमूल कंपनी को जॉइन किया.
अमूल कंपनी में आने पर उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती पोलसन कंपनी थी. जो भारत में पहले से ही अपने पैर जमाये हुए थी. इसकी सबसे बड़ी कमजोरी ये थी कि इसके कारण किसानों का शोषण हो रहा था. हालांकि इसमें कंपनी का दोष भी नहीं था क्योंकि किसान और कंपनी के बीच में दलाल थे जो किसानों को दूध की सही कीमत नहीं देते थे. इसी बात का फायदा उठाकर वर्गीज़ कुरियन ने किसानों से बातचीत की और उन्हें बताया कि यदि वे हमें दूध देंगे तो उन्हें सही दाम मिलेगा. बस इसके बाद किसानों से उन्हें दूध मिलना शुरू हो गया.
Amul Business Modal
अमूल के बिजनेस मॉडल को तैयार करने का श्रेय भी वर्गीज़ कुरियन को जाता है. दूध एक ऐसी चीज है जिसे एक या दो दिन से ज्यादा दिनों तक स्टोर करके नहीं रखा जा सकता नहीं तो ये खराब हो जाता है. ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती ये थी कि अमूल को जो दूध मिल रहा है उसे समय पर लोगों तक पहुंचाया जा सके. तो इसके लिए अमूल ने तीन लेवल पर काम करना शुरू किया.
अमूल ने गाँव में अपने सेंटर बनाए जहां लोग दूध लेकर आते हैं, अपने दूध की क्वालिटी के हिसाब से पैसा पाते हैं. ऐसे ही सेंटर उन्होने हर जिले में बनाए. इन सेंटर पर दूध की ख़रीदारी तो होती ही है साथ ही बिक्री भी होती है. इसके बाद सारे दूध को कंपनी लाया जाता है जहां इसकी पेकिंग होती है और बचे हुए दूध से अन्य प्रॉडक्ट बनाए जाते हैं. अमूल के पास जो दूध आता है वो किसी भी हालत में वेस्ट नहीं होता है. अमूल दूध से कई सारे प्रॉडक्ट बनाता है.
अमूल ने आज एक ऐसा बिजनेस मॉडल तैयार किया है जिसकी मदद से अमूल खुद तो कमा ही रहा है साथ ही किसानों को अच्छी आय भी दे रहा है. अमूल दूध उत्पादन के लिए किसानों को काफी प्रोत्साहित कर रहा है. आज अमूल ने दूध उत्पादन को एक फायदे का सौदा बना दिया है. इसकी वजह से कई किसान सिर्फ दूध उत्पादन पर ही ध्यान दे रहे हैं क्योंकि इससे उन्हें अच्छा मुनाफा मिल रहा है.
अमूल के प्रॉडक्ट
अमूल के मार्केट में कई तरह के प्रॉडक्ट (Amul Product List) आ चुके हैं. आज अमूल दूध के साथ कई और प्रॉडक्ट बेच रहा है जैसे ब्रेड, चीज, पनीर, घी, दही, आइस क्रीम, मिल्क पाउडर, चॉकलेट, फ्रेश क्रीम, मिठाई, लस्सी, बेकरी प्रॉडक्ट आदि हैं. दूध से जुड़ा ऐसा कोई प्रॉडक्ट नहीं होगा जो आपको अमूल का नहीं मिलेगा.
अमूल पार्लर कैसे शुरू करें ?
अमूल के प्रॉडक्ट पूरे भारत में बिकते हैं. यदि आप अमूल के साथ बिजनेस (Business with amul) करना चाहते हैं तो आप अमूल पार्लर खोल सकते हैं. (How to open amul parlor?) अमूल इसके लिए फ्रेंचाइजी ऑफर करता है. आप इनकी फ्रेंचाइजी लेकर अमूल पार्लर खोल सकते हैं. फ्रेचाईजी की जानकारी के लिए आप इनकी आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं.
– अमूल फ्रेंचाइजी के लिए आपको कम से कम 100 से 300 स्क्वेयर फीट की दुकान चाहिए जो मार्केट में हो.
– Amul Preferred Outlet, Amul Railway Parlor, Amul Kiosk खोलने के लिए आपको कम से कम 2 लाख रुपये इन्वेस्ट करने की जरूरत पड़ेगी.
– Amul Ice-Cream Scooping Parlor शुरू करने के लिए आपको कम से कम 6 लाख रुपये इन्वेस्ट करने की जरूरत पड़ेगी.
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अमूल सिर्फ एक कंपनी नहीं है बल्कि भारत की शान है. एक ऐसी कंपनी जो भारत के लोगों के दिलों में बसती है. दिन में कई बार हम अमूल के प्रॉडक्ट को उपयोग करते हैं और मुश्किल ही कोई ऐसा दिन हो जिस दिन आप अमूल के प्रॉडक्ट न उपयोग कर पाये हो.