Biometric Scanner Kya Hai In Hindi इन्टरनेट पर अपने अकाउंट की सुरक्षा और अपने मोबाइल की सुरक्षा के लिए हम कई तरह के लॉक का उपयोग करते हैं. जैसे पासवर्ड, पैटर्न, फेसलॉक (Password, Pattern, Face Lock और फिंगरप्रिंट लॉक Fingerprint lock ). इसमें जो फिंगरप्रिंट वाला लॉक है उसी को बायोमेट्रिक (Biometric) कहा जाता है. आजकल कई जगह पर आपके Authentication के लिए बायोमेट्रिक का उपयोग किया जाता है. इससे आपकी जानकारी काफी हद तक सुरक्षित रहती है.
आपकी सुरक्षा के लिए आप चाहे तो पासवर्ड और पैटर्न का भी उपयोग कर सकते हैं लेकिन ये ऐसे होते हैं की अगर किसी ने एक बार देख लिए तो वो व्यक्ति उस लॉक को खोल सकता है. फिर चाहे आपकी मर्जी हो या न हो. लेकिन यदि आपने बायोमेट्रिक लॉक (Biometric Lock) लगाया है तो आप उसे खुद अपनी मर्जी से खोलते हैं. इसमें पासवर्ड आपके फिंगरप्रिंट होते हैं जो किसी दूसरे व्यक्ति के पास नहीं होते हैं. इस तरह बायोमेट्रिक आपके लिए बहुत ही काम का साबित होता है.
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बायोमेट्रिक स्कैनर क्या है?
बायोमेट्रिक स्कैनर वो मशीन होती है जो बायोमेट्रिक लेने का काम करती है. यानि ऐसी मशीन जो आपके फिंगरप्रिंट या अन्य बायोमेट्रिक डाटा (Biometric Data) लेने का काम करती है उसे बायोमेट्रिक मशीन (Biometric Machine) या बायोमेट्रिक स्कैनर कहा जाता है. इसे आमतौर पर Computer के साथ जोड़कर उपयोग किया जाता है. लेकिन वर्तमान में इसके काफी सारे उपयोग होने लगे हैं इसलिए इसे कई तरह की मशीन के साथ जोड़कर उपयोग किया जाता है. आजकल ये मोबाइल में भी आने लगा है. मोबाइल के अलावा कई जगह पर कर्मचारियों की उपस्थिती दर्ज करने के लिए इसका उपयोग होने लगा है. इस तरह काफी सारे इसके उपयोग हैं.
बायोमेट्रिक स्कैनर कैसे काम करता है?
बायोमेट्रिक स्कैनर के काम करने का तरीका काफी आसान है लेकिन ये काफी ज्यादा सिक्योर है. बायोमेट्रिक स्कैनर आपके बायोमेट्रिक यानि आपके फिंगरप्रिंट या आपके आँखों का स्कैन लेता है. अब इसे वो मशीन में सेव करके एक Password बना लेता है. अब मान लीजिये Biometric Scanner ने आपके फिंगरप्रिंट लिए और उसे सेव किया. सेव करते समय ये हमारी उँगलियों की फोटो नहीं बल्कि उस पर बना पैटर्न सेव करती है जो हर व्यक्ति का अलग होता है. इस पैटर्न को कोई कॉपी नहीं कर सकता. वहीं अगर उसकी जगह कोई पासवर्ड होता है तो उसके चुराये जाने का हमेशा भय रहता है.
हमारे फिंगरप्रिंट लेकर ये मशीन हमारा डाटा सेव कर लेती है. इसके बाद जब भी हम उस डाटा का उपयोग करना चाहते हैं या उस सुविधा का लाभ लेना चाहते हैं तब हम अपने फिंगरप्रिंट के माध्यम से इसका लाभ ले पाते हैं. ध्यान रहे आपकी जगह कोई और व्यक्ति आपके बायोमेट्रिक उपयोग नहीं कर सकता है.
बायोमेट्रिक स्कैनर के प्रकार
बायोमेट्रिक जरूरी नहीं की सिर्फ आपकी उँगलियों के ही लिए जाए. ये शरीर के दूसरे हिस्सों से भी लिए जाते हैं और इनके लिए अलग-अलग बायोमेट्रिक स्कैनर आते हैं.
Finger Scanner/फिंगर स्कैनर : जो स्कैनर आपकी उँगलियों और अँगूठों का स्कैन लेता है उसे फिंगर स्कैनर कहा जाता है.
Hand scanner/हैंड स्कैनर : जो बायोमेट्रिक स्कैनर आपकी हथेलियों का स्कैन लेता है उसे हैंड स्कैनर कहते हैं.
Face scanner/फेस स्कैनर : ये स्कैनर आपके चेहरे को स्कैन करता है और आपकी एक डिजिटल इमेज बनाकर आपकी जानकारी सेव करता है. इससे आपके चेहरा दिखने पर वो जानकारी अनलॉक हो जाती है.
Iris scanner/आइरिस स्कैनर : इस स्कैनर के द्वारा इन्सानों की आँखों को स्कैन किया जाता है. इसके माध्यम से आँखों का रेटिना स्कैन किया जाता है जिससे बाद में व्यक्ति की पहचान की जाती है.
बायोमेट्रिक स्कैनर के उपयोग
जैसे-जैसे दुनिया में तकनीक विकसित होती जा रही है और हैकिंग के मामले बढ़ते जा रहे हैं वैसे-वैसे दुनिया मे तेजी से बायोमेट्रिक स्कैनर का उपयोग होने लगा है. आजकल इसका उपयोग कई क्षेत्रों में हो रहा है.
प्रवेश के लिए : कुछ खास जगह पर खास लोगों को जाने की परमिशन देने के लिए बायोमेट्रिक स्कैनर का उपयोग किया जाता है. यहाँ पर एक बायोमेट्रिक मशीन लगाई जाती है जिसमें उन लोगों के बायोमेट्रिक स्टोर किए जाते हैं जिन्हें अंदर आने की परमिशन देना है. जब ये आएंगे तो उन्हें अपना बायोमेट्रिक बताना पड़ेगा और इनकी जानकारी से इन्हें आने की परमिशन मिल जाएगी और इनकी एंट्री भी हो जाएगी की ये वहाँ आए थे.
उपस्थिती के लिए : कई सारी कंपनियों में बायोमेट्रिक मशीन का उपयोग उपस्थिती दर्ज करने के लिए किया जाता है. इसमें पहले आपकी जानकारी को सेव किया जाता है. यानि की आपका फिंगरप्रिंट इस मशीन में सेव किया जाएगा. इसके बाद आप जब कंपनी में आते हैं तो आपको अपना फिंगरप्रिंट मशीन (Fingerprint Machine) पर दिखाकर अपनी उपस्थिती दर्ज करनी होती है और जब आप जाते हैं तो एक बार और आपको वही प्रोसैस करना होता है. आजकल कई कंपनियों में ये कॉमन हो गया है.
राशन देने के लिए : सरकारी राशन की दुकान से राशन लेने के लिए बायोमेट्रिक का प्रयोग होता है. इसमें जिन लोगों के नाम राशन कार्ड में हैं उन लोगों के बायोमेट्रिक को पहले मशीन में सेव किया जाता है. ये मशीन इन्टरनेट से जुड़ी होती है. जब आपको राशन मिलता है तो आपके घर में से कोई भी सदस्य जाकर राशन ले सकता है. राशन लेते समय उसे अपना वेरिफिकेशन बायोमेट्रिक (Verification Biometric) के माध्यम से करवाना होगा. इसके बाद उसे राशन दिया जाएगा. अगर आप किसी और व्यक्ति को अपना राशन लेने के लिए भेजते हैं या कोई व्यक्ति आपका राशन कार्ड चोरी करके राशन लेता है तो वो नहीं ले पाएगा.
आधार कार्ड वेरिफिकेशन (Aadhar Card Verification) के लिए: कई जगह पर आप आधार कार्ड को लगाते हैं. जैसे आपको सिम खरीदना है तो आधार कार्ड से खरीदते हैं. अब यहाँ पर आपको सिम लेने के लिए अपने आधार कार्ड के साथ अपने फिंगरप्रिंट भी देने होते हैं. इन्हें स्कैन करने के बाद ये तय हो जाता है की जो व्यक्ति सिम ले रहा है और जिसका आधार कार्ड है वो दोनों एक ही व्यक्ति है.
बायोमेट्रिक स्कैनर के फायदे
बायोमेट्रिक के काफी सारे फायदे हैं जिसके कारण आजकल ये ज्यादा उपयोग में है. इसका सबसे बड़ा फायदा है की ये सबसे स्ट्रॉंग पासवर्ड है. यानि अगर आपको कोई डाटा सेव करना है और आप उसे बायोमेट्रिक के माध्यम से सेव कर रहे हैं तो उसके सेफ रहने के चांस काफी ज्यादा है. अगर आप उसे पासवर्ड के जरिये सेफ करते हैं तो किसी व्यक्ति को पासवर्ड पता लगने पर वो अपनी मर्जी से उसे उपयोग कर सकता है लेकिन बायोमेट्रिक में भले ही उसे पता हो की आपके बायोमेट्रिक से वो जानकारी ओपन होगी लेकिन वो उसे ओपन नहीं कर पाएगा. ये जानकारी सिर्फ आप अपनी मर्जी से खुद के बायोमेट्रिक का उपयोग करके कर पाएंगे.
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